भारत में बच्चो के लिए भी अलग सड़क सुरक्षा नियम है।अगर शुरू से उन्हें इनके बारे में जानकारी दी जाए तो वो जिम्मेदार नागरिक और ड्राइवर बन सकेंगे।हर घर के बच्चो को बचपन से ट्रेफिक नियमो की जानकारी देना चाहिए।बच्चो की सुरक्षा के लिए भी ट्रेफिक रूल्स है।तो चलिए जानते है बच्चो से जुड़े सड़क सुरक्षा नियम के बारे में
बच्चो के लिए सड़क सुरक्षा नियन क्या है ??
बच्चो को बचपन से घर में ट्रेफिक और रूल्स के बारे में जानकारी देनी चाहिए।उन्हें ट्रेफिक के बुनियादी सुरक्षा संकेतो और चिह्नों के बारे में पता होना चाहिए।उन्हें पता होना चाहिए की हरे कलर का मलतब है गुजरना और लाला का मतलब है रुकना।इसके अलावा बच्चो को बचपन से बताया जाना चाहिए की चलती गाड़ी के बहार हाथ या चेहरा नहीं निकाले।ये खतरनाक हो सकता है।
बच्चो को हमेशा वाहनों के हॉर्न और उनकी आवाज पर ध्यान देना चाहिए।इस तरह वह मोड़ के पीछे से आने वाले वाहनों से बच सकेंगे।बच्चो को पता होने चाहिए की सड़क कैसे पार की जाती है।ऐसे में बच्चो को रुको ,देखो और चलो नियम का पालन करना सिखाए।बच्चो को जानकारी दे की वो सड़क पर दौड़े नहीं .वह गलती से कारो से टकरा सकते है और दुर्घटना का कारण बन सकते है।एकदम बाए चले।
सड़क सुरक्षा नियम ध्यान रखे की मोड़ पर कभी भी सड़क पार नहीं करे।वो तेजी से दौड़ती गाड़ियों की चपेट में आ सकती है।हमेशा जेब्रा क्रॉसिंग पर जाए। स्कुल बस के पूरी तरह रुकने पर निचे उतरकर दूर खड़े हो जाए। जब बस चली जाए तब सड़क क्रॉस करे।अपनी गाड़ी का दरवाजा अचानक नहीं खोले। इससे बच्चा गाड़ी की चपेट में आ सकते है।आगे पीछे देखने के बाद ही दरवाजे खोले।