कई लोग ऐसे होते है जिन्हे भिंडी की सब्जी काफी ज्यादा पसंद होती है कुछ लोग भरवा भिंडी खाना पसंद करते है जबकि कुछ लोगो को सुखी भिंडी पसंद आती है ऐसा कहना सही नहीं है की यह एक लोकप्रिय सब्जी है लेकिन कभी तो आपने इस सब्जी का स्वाद चखा ही होगा। लेकिन क्या आप जानते है भिंडी न केवल हरी बल्कि लाल रंग की भी होती है। जी हाँ हरी भिंडी की तरह लाल भिंडी भी होती है जो खाने में काफी स्वदिष्ट होती है। इसकी खेती करके आप अच्छा लाभ कमा सकते है ऐसे में अगर आप लाल भिंडी की खेती करना चाहते है या इसकी खासयित के बारे में जानना चाहते है तो आइए जानते है।
लाल भिंडी की उन्नत किस्में
लाल भिंडी की अभी फिलहाल दो ही उन्नत किस्में विकसित हुई हैं और किसान इन किस्मों की खेती करके अच्छा लाभ कमा रहे हैं। इनमें, आजाद कृष्णा और काशी लालिमा शामिल हैं।
घर बैठे मंगवाएं बीज
अगर किसान लाल भिंडी की उन्नत किस्म ‘काशी लालिमा’ और ‘आजाद कृष्णा’ का बीज मंगवाना चाहते हैं, तो घर बैठे ऐसा कर सकते हैं। इसके लिए किसान राष्ट्रीय बीज निगम की सुविधा का लाभ ले सकते हैं। दरअसल, किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम भिंडी की उन्नत किस्मों के बीज ऑनलाइन बेच रहा है। इनके बीजों को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से भी ले सकते है। यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे। वही किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते है और फिलहाल, राष्ट्रीय बीज निगम भिंडी के बीजों की खरीद पर भारी छूट दे रहा है। अगर आप लाल भिंडी की किस्म ‘काशी लालिमा’ खरीदना चाहते हैं, तो इसके बीज का 100 ग्राम का पैकेट 40 फीसदी की छूट के साथ मात्र 45 रुपये में मिल रहा है।
इन किस्मों की खासियत
काशी लालिमा:
काशी लालिमा किस्म की लाल भिंडी की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में आसानी से खेती कर सकते है यहाँ हालांकि, इसके लिए आपको बीज खरीदते वक्त यह ध्यान देना होगा कि वह किस सीजन के बीज हैं। जिस खेत में भी भिंडी की खेती करें, उसमें ध्यान रखें कि पानी ना रुके, वरना पौधे खराब हो सकते हैं। इस किस्म की फसल जल्दी तैयार हो जाती है और अधिक वक्त तक फल देती है। इसमें 45-50 दिन में ही फल मिलने शुरू हो जाते हैं और करीब 6 महीने तक मिलते रहते हैं।
आजाद कृष्णा:
आजाद कृष्णा भिंडी की पैदावार 80 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट व एंथोसाइनिन होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए तो फायदेमंद होती ही है, बल्कि, इसके सूखने के बाद गुड़ साफ करने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। भिंडी की यह किस्म की फसल भी जल्दी तैयार हो जाती है। इसके पौधे की उचांई 100-125 सेमी तक होती है। वही गर्मियों में ये किस्म 40-45 तथा बरसात के दौरान 50-55 दिनों में फसल देना शुरू कर देती है।