बिहार में भूमि सर्वेक्षण के लिए बंदोबस्त पदाधिकारियों को क्षेत्रीय भ्रमण, सर्वे शिविरों की जानकारी प्रकाशित करने, ग्रामसभा आयोजन, और खतियान लेखन की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसे सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने बंदोबस्त पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने हाल ही में शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित मासिक बैठक में बंदोबस्त पदाधिकारियों को विभिन्न महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इन निर्देशों का मुख्य उद्देश्य जमीन सर्वे की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है, ताकि सर्वेक्षण का कार्य समय पर और सुचारू रूप से पूरा हो सके।
सर्वे शिविरों के स्थान और जानकारी का प्रकाशन
दीपक कुमार सिंह ने बंदोबस्त पदाधिकारियों को उनके क्षेत्र के अंचलों में आयोजित सर्वे शिविरों की जानकारी स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाने का निर्देश दिया है। इस जानकारी में शिविर का स्थान, शिविर प्रभारी का नाम और उनका मोबाइल नंबर शामिल होना चाहिए। इसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को सर्वे शिविरों तक आसानी से पहुंचने में सहायता करना है, जिससे वे समय पर अपनी जमीन से संबंधित आवश्यक दस्तावेज़ और जानकारी प्रस्तुत कर सकें।
क्षेत्रीय भ्रमण और सर्वे कार्य की निगरानी
अपर मुख्य सचिव ने सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में नियमित रूप से क्षेत्रीय भ्रमण करने और दूसरे चरण के सर्वे की तैयारी को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सर्वे शिविरों का गठन अंचल कार्यालय के आसपास ही किया जाए ताकि सर्वे कार्य में तेजी लाई जा सके और आधुनिक उपकरणों का सही तरीके से इस्तेमाल हो सके। सर्वे शिविरों में कंप्यूटर और प्रिंटर जैसी सुविधाओं का उपयोग करके सर्वेक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और कुशल बनाया जा सकेगा।
ग्रामसभा का आयोजन और खतियान लेखन
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव और भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जय सिंह ने अधिकारियों को अगले एक सप्ताह के भीतर बचे हुए सभी गांवों में ग्रामसभा का आयोजन करने का निर्देश दिया। बिहार में अब तक 43,138 गांवों में से 35,454 गांवों में ग्रामसभा का आयोजन किया जा चुका है, जबकि 2,611 मौजों को सर्वेक्षण से बाहर रखा गया है। ये मौजे शहरी क्षेत्र, असर्वेक्षित क्षेत्र, टोपोलैंड या फिर किसी विवादित क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
खतियान निर्माण के लिए आवश्यक तेरीज लेखन का कार्य भी जोरों पर है। जय सिंह ने बताया कि 13,626 मौजों में तेरीज लेखन का कार्य शुरू किया गया था, जिसमें से 8,014 मौजों में यह कार्य पूरा हो चुका है। शेष 5,612 मौजों में अगले एक महीने के भीतर यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत अमीन द्वारा खतियान का सार तैयार किया जाता है, जो कि भूमि रिकॉर्ड के लिए आवश्यक होता है।
स्वघोषणा अपलोड की प्रक्रिया
बैठक में यह भी बताया गया कि रोहतास जिले में लगभग 10,000 रैयतों ने स्वघोषणा अपलोड की है, जबकि अन्य जिलों में यह कार्य धीमी गति से हो रहा है। निदेशालय की वेबसाइट पर स्वघोषणा अपलोड करने की सुविधा दी गई है, जो सीमित अवधि के लिए उपलब्ध है। रैयतों को इस सुविधा का लाभ प्राथमिकता के आधार पर उठाने की सलाह दी गई है।
इन निर्देशों के तहत बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से और व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ रहा है, जिससे राज्य में भूमि सुधार के प्रयासों को नया आयाम मिलेगा।