Bihar Railway : बिहार के एक जिले में आजादी के बाद से अब तक कोई रेल लाइन या स्टेशन नहीं है. यहां के लोग रेलवे कनेक्टिविटी से वंचित हैं. लेकिन, अब सरकार इस समस्या को दूर करने जा रही है. जल्द ही यहां भी रेल नेटवर्क (rail network) से जोड़ा जाएगा… जिससे लाखों लोगों को फायदा होगा-
बिहार के एक जिले में आजादी के बाद से अब तक कोई रेल लाइन या स्टेशन नहीं है. यहां के लोग रेलवे कनेक्टिविटी से वंचित हैं. लेकिन, अब सरकार इस समस्या को दूर करने जा रही है. जल्द ही यहां भी रेल नेटवर्क (rail network) से जोड़ा जाएगा, जिससे जिले के विकास को गति मिलेगी और यहां के निवासियों के लिए आवागमन आसान हो जाएगा. यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो शिवहर के भविष्य को बेहतर बनाएगा.
फिलहाल तैयार हो रही रिपोर्ट-
दरअसल, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) और शिवहर के बीच नई रेल लाइन की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट जल्द तैयार होगी. उसके बाद रेलवे लाइन बिछाई जायेगी. इससे पहले रेलवे इस प्रोजेक्ट का जिओ टेक्निकल सर्वे (Geo Technical Survey) कराया जाएगा. इसमें जमीन अधिग्रहण, स्टेशन-हॉल्ट, यार्ड, अंडरपास, आरओबी के साथ-साथ पुल-पुलिया का अध्ययन कर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी. जिसके बाद डीपीआर बनाया जाएगा.
70 किलोमीटर लंबी परियोजना-
डीपीआर तैयार होने और सहमति मिलने के बाद 70 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाने का काम जल्द शुरू होगा. पूर्व मध्य रेलवे ने इस रूट पर जियो टेक्निकल सर्वे के लिए दिल्ली (Delhi) की एक एजेंसी को चुना है. यह एजेंसी बापूधाम मोतिहारी से शिवहर तक 51 किलोमीटर की दूरी में सर्वे करेगी, जिस पर रेलवे लगभग 41 लाख रुपये खर्च करेगा.
10 लाख से अधिक लोगों को फायदा-
इस रेल लाइन (Rail line) के बिछने से करीब 10 लाख से भी अधिक लोगों को फायदा पहुंच सकेगा. चार जिलों पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर और सीतामढ़ी जिले के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी. यह शिवहर के लिए बेहद खास है क्योंकि जिले के लिए यह पहली रेल परियोजना है. रेल लाइन बिछाने को लेकर जमीन अधिग्रहण (land acquisition) की प्रक्रिया तेज हो गई है.
13 पुल और 62 पुलिया बनेंगे-
जानकारी के मुताबिक, जमीन सर्वे की माने तो इस रेलखंड पर 13 पुल और 62 पुलिया तैयार किए जाएंगे. साथ ही 30 रेलवे समपार फाटक भी बनाए जाएंगे. जब डीपीआर (DPR) तैयार किया जाएगा तो इसकी संख्या में बदलाव हो सकता है. शिवहर के लोगों का करीब 19 सालों का इंतजार खत्म होने वाला है.
साल 2006-07 में ही लाया गया था प्रस्ताव-
दरअसल, रेलवे ने 2006-07 के बजट में प्रस्तावित इस परियोजना को अब मंजूरी दे दी है. इस परियोजना की लागत 221 करोड़ रुपये से बढ़कर 926.09 करोड़ रुपये हो गई है. यह रेल लाइन लोगों को बेहतर सुविधाएं, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा और जिले को बेहतर कनेक्टिविटी देगी.