Bihar Ropeway News : भारत में पर्यटक से कमाई करने का एक प्रमुख स्रोत है। इसके साथ ही देश की विविध संस्कृति इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदर्शित करता है। पूरे बिहार भर में कई तरह के आकर्षक पर्यटन स्थल मौजूद है। जिनमें से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध बोधगया और राजगीर प्रमुख है। बता दे कि गया जिला से 30 किलोमीटर की दूरी पर एक नया रोप-वे (Jehanabad Ropeway) का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
Jehanabad Ropeway News : जहानाबाद के वनावर में बनाए जा रहे है नया रोपवे।
भारत में पर्यटन कमाई का एक मुख्य स्रोत है। भारत धार्मिक, कलात्मक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर देश है जहां पर देश-विदेश सभी लोग घूमने आते हैं। भारत भी इतना बड़ा देश है कि एक राज्य से दूसरे राज्य भी लोग घूमने आते हैं। बता दे कि बिहार राज्य में भी बहुत सारे ऐसे जिला हैं जहां पर घूमने के लिए बहुत कुछ है।
राजगीर और बोधगया सबसे ज्यादा फेमस जगह बिहार में घूमने के लिए है। यहां पर अंतरराष्ट्रीय पर्यटक (International Tourist Destination) भी घूमने के लिए आते हैं। अब गया जिला से 30km की दूरी पर पर्यटन स्थल बनाए जा रहे हैं। जी हां बोधगया और राजगीर के बाद यह भी सबसे प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र माना जाएगा। बता दे की जहानाबाद में बनवार पहाड़ (Banwar Mountain) के ऊपर से रोपवे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। बिहार सरकार निरंतर इस पर काम कर रही है। उद्देश्य है कि वनावर को पर्यटक सर्किट से जोड़ा जाएगा।
आप सभी को बता दे की वनावर होल्ट, पहाड़ी इलाका में पर्यटन थाना, म्यूजियम, अतिथि गृह, श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला और पहाड़ी इलाकों को जोड़ने के लिए चारों तरफ से सड़क बनाए जाएंगे और इस पर काम चल रहा है। 50% पूरा काम कर लिया गया है।
Bihar Jehanabad Ropeay News : बिहार आने वाले पर्यटकों के लिए दूसरा सबसे बड़ा रोपवे
बिहार में राजगीर और बोधगया में पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। ऐसे में जहानाबाद के वनावर क्षेत्र में बिहार का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे (Jehanabad Ropeway) बनाने का काम किया जा रहा है। राजगीर रोपवे के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा रोपवे होगा। पातालगंगा तथा गांव घाट दोनों ओर से 100 फीट ऊंचे पहाड़ की चोटी तक सुगमता पूर्वक पहुंचने के लिए 24 करोड़ की लागत से रोपवे निर्माण का काम शुरू हो रहा है। चारों जगह पर पर्वतीय रिसोर्ट का निर्माण भी किए जाएंगे।
इसके अलावा बता दे कि पर्यटन विभाग ने पर्यटक स्थलों के आसपास होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट योजना की शुरुआत कर रहे हैं। जहानाबाद के बराबर क्षेत्र में आसपास के ग्रामीण घरों को भी होटल के तर्ज पर विकसित किए जाने की विचार है।
निर्माण कार्य को बढ़ावा देने से न सिर्फ केवल पर्यटकों को सहूलियत मिलेगी बल्कि यहां के लोगों को भी कमाने का एक जरिया हो जाएगा। इसके साथ ही पर्यटकों को ग्रामीण संस्कृति, खाना पीना और जीवन शैली का अनुभव भी मिलेगा। बनवार से सटे ग्रामीण इलाकों में आय कि भी बढ़ोतरी हो जाएगी। ग्रामीण अपने घरों के होटल के तर्ज पर विकसित करेंगे और पर्यटकों से निर्धारित रेट को वसूल कर सकेंगे।
जहानाबाद का वाणावर वर क्यों है इतना खास?
वाणावर, जिसे मगध का हिमालय भी कहे जाते हैं। यह एक आस्था और इतिहास का संगम है। यहां मानव निर्मित 7 मौर्यकालीन गुफाएं हैं। वाणावर, बराबर पहाड़ी के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां सातवीं सदी में बना बाबा सिद्धनाथ का भी मंदिर मौजूद है जो की पहाड़ी पर है। चार गुफाएं वनावर और तीन पास में ही नागाअर्जुन की पहाड़ियों पर स्थित है।
बताया जाता है कि इसका निर्माण मगध के महान सम्राट अशोक के आदेश के अनुसार करवाया गया था। यह गुफाओं का निर्माण इसलिए किया गया था ताकि आजीवक संप्रदाय के बौद्ध भिक्षु को सही से रहन-सहन हो सके। सभी गुफाओं का अलग-अलग नाम भी दिया गया है।
इनमें से कर्ण चौपर, सुदामा और लोमस ऋषि गुफा काफी प्रसिद्ध है। गुफाओं के प्रवेश द्वार पर सम्राट अशोक द्वारा अंकित उल्लेख भी शामिल है।
पूर्वजों के अनुसार बवासीरनाथ मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण राजगीर के महान राजा जरासंध द्वारा किया गया था। यहां से एक गुप्त मार्ग राजगिर किले तक भी है जहां से राजा पूजा अर्चना के लिए मंदिर आते जाते थे। मंदिर के निकली पहाड़ी के हिस्से में पातालगंगा मौजूद है जहां पर स्नान करके मंदिर में पूजा अर्चना भी किया जाता है।
वनावर में न केवल पहाड़ और जंगल है बल्कि यहां औषधि पेड़ भी मौजूद है, इसके अलावा यहां लोह अयस्क एक भंडार भी मौजूद है। यहां की वादियां पर्यटकों को काफी ज्यादा अपनी और आकर्षित करती है। हर साल सावन के महीने में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लाखों की संख्या में सावन के महीने में भक्तों की भीड़ लगती है।