बाइक की मॉडिफिकेशन से पहने इन जरुरी बातो का रखे ख्याल,नहीं तो चालान तो कटेगा ही ,हो सकती है जेल

 
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आज के समय में लोगो पर मॉडिफिकेशन का जूनून चढ़ा हुआ है। इन दिनों मॉडिफिकेशन का चलन तो दिन पर दिन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है।लोग देखा देखि के चक्कर में अपनी बाइक में मॉडिफिकेशन करा तो लेते है लेकिन इसके कारण उनको भारी जुर्माना देना पड़ता है। इसके साथ ही और कई समस्याओ का भी सामना करना पड़ता है।  

अपनी बाइक को सबसे अलग और कुल लुक देने के लिए लोग बाइक में साइलेंसर से लेकर हेडलाइट और यहाँ तक की बॉडी भी बदल देते है।लेकिन क्या आप जानते है बाइक में मॉडिफिकेशन कराने के लिए कुछ नियम तय किये है।अगर आप भी अपनी बाइक मॉडिफाई कराने जा रहे है तो इन बातो का जरूर ध्यान रखे। also read : मार्केट में अपना जलवा दिखाने के लिए तैयार है रॉयल एनफील्ड 650, मिलेंगे नए कलर ऑप्शंस और अलॉय व्हील्स

क्या है बाइक मॉडिफिकेशन के नियम 
 आप बाइक में मामूली बदलवा करा सकते है।लेकिन इसके लिए आपको क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से अनुमति लेनी पड़ेगी।बाइक मॉडिफिकेशन के दौरान आप उन्ही पार्ट्स का प्रयोग कर सकते है जो ऑटोमोटेवि रिसर्च ऑथोरिटी ऑफ इंडिया से अप्रूव्ड और प्रमाणित हो। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार भारत में वहां मॉडिफिकेशन प्रतिबंधित और गैरकानूनी है।क्युकी बदलाव के कान बाइक की मजबूती पर असर होता है। 

कट सकता है मोटा चालान
नियमो के मुताबित अगर आप कोई भी वाहन में किसी भी तरह का मॉडिफिकेशन कराते है ,तो उससे नियम का उल्ल्घन होता है इसके कारण आपको 5 हजार रूपये का चालान और 6 महीने की जेल हो सकती है।ये आपके वाहन के मॉडिफिकेशन पर निर्भर करता है। 

बिमा कंपनी को दे जानकारी 
आप जब भी अपने दोपहिया वाहन के बिमा को ऑनलाइन खरीदते है तो आपको इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए की आपको मॉडिफिकेशन को घोषणा कंपनी को पहले ही करनी होगी।अगर आप मॉडिफिकेशन को घोषणा नहीं करते है तो किसी दुर्घटना आदि होने के बाद आपके टू व्हीलर इंशोरेंस क्लेम को रिजेक्ट कर दिया जाता है।ज्यादातर कम्पनिया जो दोपहिया बिमा ऑनलाइन बेचती है वो मॉडिफिकेशन डिक्लेयर करने का ऑप्शन भी देती है।