Bollywood Movie Records: हिंदी सिनेमा और संगीत का संबंध बहुत पुराना और मजबूत रहा है. चाहे फिल्म रोमांटिक हो या गंभीर विषय पर बनी हो, बॉलीवुड फिल्मों में गाने दर्शकों की भावनाओं को जोड़ते हैं. कई बार फिल्में भले ही न चलें. लेकिन उनके गाने सुपरहिट हो जाते हैं. ऐसी ही एक ऐतिहासिक फिल्म रही है. जिसके 72 गाने आज भी रिकॉर्ड बने हुए हैं.
93 साल पहले बनी थी ये अनोखी फिल्म
साल 1932 में रिलीज हुई फिल्म ‘इंद्र सभा’ ने एक ऐसा रिकॉर्ड कायम किया जिसे आज तक कोई नहीं तोड़ पाया. इस फिल्म में कुल 72 गाने शामिल थे, जो अपने जमाने में बेहद लोकप्रिय हुए थे. आज भी ये फिल्म गानों की संख्या के लिहाज से नंबर 1 मानी जाती है.
‘इंद्र सभा’ के नाम दर्ज है 72 गानों का रिकॉर्ड
‘इंद्र सभा’ का निर्माण जेएफ मदन की कंपनी ‘मदन थिएटर’ ने किया था. यह फिल्म 3 घंटे 31 मिनट लंबी थी और इसमें गानों की भरमार थी. इससे पहले इसी नाम की एक साइलेंट फिल्म 1925 में बन चुकी थी. लेकिन उसमें न डायलॉग थे, न म्यूजिक. 1932 की ‘इंद्र सभा’ भारत की शुरुआती साउंड फिल्मों में से एक थी. जिसने 72 गानों के साथ इतिहास रच दिया.
गानों की इतनी विविधता आज भी चौंकाती है
इस फिल्म में थे 9 ठुमरियां, 4 होली गीत, 15 सामान्य गाने, 31 ग़ज़लें, 2 चौबोला, 5 छंद और 5 अन्य गीत. यह फिल्म एक ऐसे राजा की कहानी पर आधारित थी, जो अपनी प्रजा से बेहद प्यार करता है और हर दुखी व्यक्ति की मदद करता है. इसी बीच एक अप्सरा राजा की परीक्षा लेने आती है. लेकिन खुद ही उस पर मोहित हो जाती है.
जहानारा कज्जन और मास्टर निसार की जोड़ी ने बटोरी वाहवाही
फिल्म में जहानारा कज्जन ने ‘सब्ज परी’ और मास्टर निसार ने ‘गुलफाम’ का किरदार निभाया था. दोनों की जोड़ी और गायकी उस दौर में काफी पसंद की गई. जहानारा को बंगाल की नाइटिंगेल कहा जाता था. वह बेहतरीन अदाकारा और सिंगर थीं.
1956 में आया फिल्म का दूसरा संस्करण
‘इंद्र सभा’ की लोकप्रियता के बाद 1956 में इसका एक और संस्करण बनाया गया. जिसे नानूभाई बी. ने निर्देशित किया था. हालांकि इस फिल्म में 72 गाने नहीं थे. लेकिन यह 1932 की मूल फिल्म से प्रेरित थी.
कम उम्र में चली गई जहानारा की जान
जहानारा कज्जन ने कई फिल्मों में काम किया. लेकिन 1945 में केवल 30 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया. उनकी आवाज और अभिनय को आज भी याद किया जाता है. ‘इंद्र सभा’ ने उन्हें और मास्टर निसार को संगीत और सिनेमा में अमर बना दिया.
आज भी सबसे ज्यादा गानों वाली फिल्म का रिकॉर्ड कायम
आज के आधुनिक दौर में जहां एक फिल्म में 5–7 गाने ही होते हैं, वहीं 1932 की ‘इंद्र सभा’ अब भी सबसे ज्यादा गानों वाली फिल्म के रूप में दर्ज है. यह फिल्म हिंदी सिनेमा के संगीतमय इतिहास की सबसे सुनहरी मिसाल मानी जाती है.