बजट 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, और आम जनता से लेकर निवेशकों तक की नजरें सरकार के ऐलानों पर टिकी हैं। खासतौर पर टैक्स छूट और होम लोन से जुड़े मुद्दों को लेकर बड़ी उम्मीदें हैं।वर्तमान में पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत होम लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की छूट मिलती है, जिससे टैक्सपेयर्स को राहत मिलती है। हालांकि, नई टैक्स व्यवस्था में इस तरह की छूट का प्रावधान नहीं है। वहीं, किराये पर दी गई संपत्तियों के मामले में धारा 24 के तहत होम लोन ब्याज की कटौती की कोई सीमा नहीं है, लेकिन नुकसान की भरपाई अन्य आय स्रोतों से नहीं की जा सकती। विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार नई टैक्स व्यवस्था को अधिक आकर्षक बनाने के लिए होम लोन पर कुछ राहत की घोषणा कर सकती है।
नई टैक्स व्यवस्था में होम लोन और प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ी उम्मीदें जानिए
आम बजट 2025 को लेकर चर्चा तेज है, और होम लोन लेने वालों को बड़ी उम्मीदें हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने नई टैक्स व्यवस्था को और उपयोगी बनाने के लिए तीन अहम सिफारिशें पेश की हैं।
पहली सिफारिश यह है कि नई टैक्स व्यवस्था के तहत 2 लाख रुपये तक के होम लोन के ब्याज पर कटौती की अनुमति दी जाए। यह कदम मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है। दूसरी सिफारिश में ICAI ने सुझाव दिया है कि घर की संपत्ति से होने वाले नुकसान को अन्य आय स्रोतों से समायोजित करने की अनुमति मिलनी चाहिए। यदि अन्य आय स्रोत न हों, तो इस नुकसान को अगले 8 वर्षों तक प्रॉपर्टी आय से समायोजित करने का प्रस्ताव है।
उद्योग विशेषज्ञ और होम लोन धारक उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनकी इस पुरानी मांग को बजट में जगह देंगी।
पुरानी टैक्स व्यवस्था में होम लोन पर जानिए
नई टैक्स व्यवस्था लागू होने के बाद से पुरानी व्यवस्था में कोई विशेष कर छूट नहीं बढ़ी है, लेकिन विशेषज्ञ शहरी भारत में घर के स्वामित्व की बढ़ती लागत को देखते हुए इसमें सुधार की मांग कर रहे हैं। खासकर धारा 80सी और 24बी के तहत मिलने वाली वर्तमान टैक्स कटौती अपर्याप्त मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन छूटों को बढ़ाकर घरों का मालिकाना हक किफायती बनाया जा सकता है, जिससे मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदना और भी सस्ता हो सके। बजट 2025 में इस दिशा में सुधार हो सकता है, जिससे टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी।