सोमवार को सोने की कीमतों ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। राजधानी दिल्ली में गोल्ड रेट में 4,000 रुपये की तेज छलांग देखने को मिली, जिसके साथ 24 कैरेट सोना 1,37,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार शुक्रवार को 99.9% शुद्धता वाला सोना 1,33,600 रुपये प्रति 10 ग्राम था, यानी दो दिनों में सोने ने जबरदस्त तेजी दिखाई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उछाल ने दी घरेलू बाजार को मजबूती
एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट, जतिन त्रिवेदी के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड का भाव 4,350 डॉलर प्रति औंस की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसी वैश्विक मजबूती ने भारतीय बाजार में भी सोने को नए शिखर पर पहुंचा दिया।
उन्होंने बताया:
- सोना सुरक्षित निवेश (Safe-Haven Asset) के रूप में फिर मजबूत हुआ है
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता निवेशकों को गोल्ड की ओर आकर्षित कर रही है
- इस हफ्ते आने वाले अमेरिकी आर्थिक डेटा—जैसे नॉन-फार्म पेरोल और कोर PCE प्राइस इंडेक्स—ने बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ाया है
इससे पहले भी 17 अक्टूबर को सोने में 3,200 रुपये की तेज बढ़त दर्ज की गई थी और कीमत 1,34,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंची थी।
Gold Price Rally: 2024–2025 में सोना 74% उछला
बीते एक साल में सोना अद्भुत तेजी दिखा चुका है।
- 31 दिसंबर 2024 का रेट: ₹78,950 प्रति 10 ग्राम
- 16 दिसंबर 2025 का रेट: ₹1,37,600 प्रति 10 ग्राम
यानी 58,650 रुपये / 74.3% की तेजी।
यह गोल्ड मार्केट की अब तक की सबसे मजबूत रैलियों में से एक है।
Silver Price Today: चांदी स्थिर, लेकिन साल में 122% की बड़ी बढ़त
जहाँ सोने ने रिकॉर्ड तोड़ा, वहीं चांदी की कीमतें सोमवार को स्थिर रहीं और 1,99,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर दर्ज हुईं।
लेकिन बीते साल में चांदी का प्रदर्शन सोने से भी बेहतर रहा है:
- 31 दिसंबर 2024 की कीमत: ₹89,700 प्रति किलो
- इस साल की कीमत: ₹1,99,500 प्रति किलो
यानी 122.41% की तेजी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट सिल्वर भी मजबूत हुआ और 63.96 डॉलर प्रति औंस पर पहुँच गया। शुक्रवार को यह 64.65 डॉलर पर अपने अब तक के उच्चतम स्तर को छू चुका है।
फेडरल रिजर्व की नीतियों ने और बढ़ाया गोल्ड में तेजी का रुझान
मीराए एसेट शेयरखान के विश्लेषक प्रवीण सिंह ने कहा कि सोने में देखने को मिल रही तेज उछाल की दो मुख्य वजह हैं:
- फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती
- ट्रेजरी बिल खरीदकर बाजार में तरलता बढ़ाना
इन कदमों ने गोल्ड को ग्लोबल मार्केट में और आकर्षक बना दिया है, जिसके असर से भारत में भी कीमतें तेजी से ऊपर गई हैं।
