इंजन ऑयल डलवाने से पहले जान ले इसकी खासयित, नहीं तो लग सकता है लाखों रूपये का घाटा

अगर आप एक गाड़ी के मालिक है और यदि आप चाहते है कि आपकी गाड़ी का इंजन लम्बे समय तक चले और यात्रा के दौरान उसमे किसी तरह कि कोई परेशानी नहीं आए। तो आपको इंजन ऑयल के बारे में एक बार जरूर जान लेना चाहिए। कई लोग इंजन ऑयल को लेकर भ्र्म में रहते है। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से इंजन ऑयल को लेकर सारी भ्रम को दूर करने वाले हैं, ताकि आप अपनी गाड़ी को सालों साल बिना किसी समस्या के चलाएं।
सेमी-सिंथेटिक इंजन तेल
यह ऑयल सामान्य मिनरल ऑयल सिंथेटिक इंजन ऑयल की तुलना में काफी सस्ता होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए निर्माताओं ने मिनरल और सिंथेटिक इंजन ऑयल के बीच एक संतुलन बनाने के लिए सेमी-सिंथेटिक को पेश किया। सेमी-सिंथेटिक में 30 फीसद तक सिंथेटिक इंजन तेल के एक मिश्रण का उपयोग किया जाता है। जो लागत कम करने के साथ आपकी जेब पर भी असर नहीं डालता है।आधुनिक इंजन ऑयल अब पहले से अधिक रिफाइंड होते हैं यही कारण है कि सिंथेटिक इंजन ऑयल के फायदे ज्यादा होते हैं। सिंथेटिक इंजन ऑयल अन्य की तुलना में गाढ़ा होता है। इसी के चलते यह इंजन में पिस्टन के घर्षण को कम कर देता है।
सिंथेटिक इंजन ऑयल
आधुनिक इंजन ऑयल अब पहले से अधिक रिफाइंड होते हैं, यही कारण है कि सिंथेटिक इंजन ऑयल के फायदे ज्यादा होते हैं। सिंथेटिक इंजन ऑयल अन्य की तुलना में ज्यादा लंबा चलता है, और यह गाढ़ा भी ज्यादा होता है। इसी के चलते यह इंजन में पिस्टन के घर्षण को कम कर देता है, और इसके इस्तेमाल से इंजन की अधिकतम पावर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इंजन ऑयल में प्रयोग होते हैं एडिटिव्स
इंजन ऑयल को प्रभावी बनाने के लिए निर्माता कंपनियां इसमें अलग अलग प्रकार के एडिटिव्स का उपयोग कर रही हैं। इंजन के तेल में एंटी-फोमिंग एजेंट, जिंक, फास्फोरस और कुछ सल्फर माल्यूकल एसिड मिलाए जाते हैं। ये सभी इंजन के हिस्सों के बीच घर्षण और ऑक्सीकरण के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं।also read : Hyundai Grand i10 NIOS का Sportz Executive वैरिएंट भारत में लांच हुआ, जानिए इसकी खासयित