NCAP क्रैश टेस्ट : कैसे होती है कार की क्रैश टेस्टिंग और 5 स्टार रेटिंग के लिए इतने पॉइंट होते है जरूरी, जानिए.....?

गाड़ियों की मजबूती के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए Global NCAP द्वारा क्रैश टेस्ट किया जाता था लेकिन अब इंडिया में भी गाड़ियों की क्रेश टेस्टिंग की जाती है केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने हाल ही में इस बात का एलान किया है कि एक 1 अक्टूबर से Bharat NCAP क्रैश टेस्ट प्रोग्राम का आयोजन होगा। ऐसे में ग्राहकों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे है। क्या आप भी इस बात को जानना चाहते हैं कि आखिर कैसे होती है क्रैश टेस्टिंग, क्रैश टेस्टिंग के दौरान कितने कैमरा लगाए जाते हैं और कितनी बार क्रैश टेस्टिंग की जाती है? यदि नहीं तो आज हम आपको यहाँ इन सब सवालों के जवाब देने जा रहे है तो चलिए जानते है।
कैसे होती है कार की क्रैश टेस्टिंग?
कोई भी गाड़ी चाहे कितनी भी मजबूत क्यों न हो गाड़ी में बैठे यात्री ड्राइव के दौरान कितने सुरक्षित यानी सेफ हैं? इसके बारे में क्रेश टेस्टिंग के बाद में ही पता चल पाता है क्रैश टेस्टिंग के दौरान जब कार बैरियर से टकराती है तो इसके बाद कार के एक्सटीरियर और इंटीरियर दोनों की अच्छे से जांच हो जाती है जिससे आपकी कार की रेटिंग के बारे में जानकारी मिल जाती है।
क्रैश टेस्ट के दौरान कितनी होती है स्पीड?
Global NCAP के तहत कार की टेस्टिंग के दौरान कार की स्पीड 64kmph तक रखी जाती है।, निर्धारित स्पीड पर दौड़ाने के बाद कार को सामने पड़े बैरियर से हिट कराया जाता है। क्रैश टेस्टिंग में एडल्ट और चाइल्ड प्रोटेक्शन के हिसाब से अलग-अलग रेटिंग दी जाती हैं।
BNCAP टेस्टिंग के बारे में बात की जाए तो भारत में फ्रंट ऑफसेट टेस्टिंग के लिए भी स्पीड 64 kmph तक होती है।, साइड इम्पैक्ट टेस्टिंग 50 की स्पीड और पोल साइड इम्पैक्ट टेस्टिंग 29 kmph की स्पीड से की जाएगी। भारत सरकार के नए सुरक्षा मानदंडों के मुताबिक, गाड़ियों को साइड इम्पैक्ट और फ्रंट ऑफसेट दोनों ही क्रैश टेस्ट को पूरा करना जरुरी होता है।।
कार में कौन बैठता है और कितने लगे होते हैं कैमरे?
जिस वक्त कार की क्रैश टेस्टिंग की जाती है उस वक्त कार में डमी मॉडल्स को बैठाया जाता है। टेस्टिंग के दौरान कितने कैमरे लगाए जाते हैं इसके बारे में कंपनी की तरफ से आधिकारिक जानकारी नहीं आई है। लेकिन कई रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र है कि टेस्टिंग के दौरान 8 से 10 कैमरे कार को अलग-अलग एंगल से कैप्चर करने के लिए लगाए जाते है।
Global NCAP vs Bharat NCAP: 5 स्टार रेटिंग के लिए चाहिए कितने प्वाइंट?
Global NCAP का टेस्टिंग के लिए अलग अलग प्रोटोकॉल निर्धारित किए गए है। वहीं Bharat NCAP का अलग प्रोटोकॉल होगा। किसी भी कार को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग के लिए GNCAP टेस्टिंग के दौरान एडल्ट प्रोटेक्शन में 34 प्वाइंट्स चाहिए होते हैं, फ्रंट क्रैश टेस्ट में 16 प्वाइंट्स, साइड इम्पैक्ट टेस्ट में 16 प्वाइंट्स और सीटबेल्ट रिमाइंडर में 2 प्वाइंट्स अनिवार्य होते है। वहीं, दूसरी तरफ BNCAP में किसी भी कार को 5 स्टार रेटिंग के लिए एडल्ट प्रोटेक्शन में कम से कम 27 प्वाइंट तो वहीं चाइल्ड प्रोटेक्शन में कम से कम 41 प्वाइंट्स हासिल करने होते है। क्रैश टेस्टिंग के दौरान फ्रंट ऑफसेट, साइड इम्पैक्ट और पोल साइड इम्पेक्ट को चेक किया जाता है।
इंडिया में मौजूद 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग वाली कारें
Volkswagen Virtus
Skoda Slavia
Tata Punch
Mahindra Scorpio-N
Tata Altroz
Tata Nexon
Mahindra XUV700
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