भारत के एकमात्र ऐसा राज्य, जहां 95 % लोगों के पास में नहीं है कार और बाइक, कुल आबादी 13 करोड़, पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की जूझ रहे लोग

इन दिनों बिहार में हो रही जातिगत जनगणना की खूब चर्चा हो रही है इस सर्वे में जाति के आधार पर आबादी की गणना के साथ ही कई और खुलासे हुए है सर्वे में पाया गया है कि बिहार की 13.07 करोड़ की आबादी में 12.48 करोड़ लोगों के पास किसी भी तरह का वाहन नहीं है। यानि की बिहार की 95.49 प्रतिशत लोगों के पास न ही कोई कार है और न ही बाइक। ऐसे में लोग परिवहन के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम पर आश्रित है।
बता दें कि जाति जनगणना सर्वे रिपोर्ट को पिछले सप्ताह मंगलवार को बिहार विधानसभा में पेश किया गया था। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि राज्य में केवल 0.11 प्रतिशत लोगों के पास ही कार है। यानी राज्य की 13.07 करोड़ की आबादी में से केवल 5.72 लाख लोग ही कार चलाते हैं। वहीं केवल 49.68 लाख लोगों के पास ही बाइक या स्कूटर जैसे दोपहिया वाहन हैं। सर्वे रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि बिहार में केवल 1.67 लाख लोगों के नाम ही ट्रैक्टर रजिस्टर्ड है। वहीं सामान्य जाति के 2.01 करोड़ लोगों में से केवल 11.99 लाख लोगों के पास ही वाहन हैं।
भारत में यात्री वाहनों की संख्या दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी कम है. पिछले साल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सर्वे में पाया था कि भारत में 12 घरों से से सिर्फ एक घर में ही कार है. गोवा प्रति घर के हिसाब से कार रखने के मामले में देश में सबसे आगे है. वहीं देखा जाए तो दोपहिया वाहनों को रखने में भारतीय लोगों की रैंकिंग बेहतर हैं. भारत में औसतन 50 प्रतिशत परिवारों में बाइक, स्कूटर या साइकिल जैसे दोपहिया वाहन हैं.
आपको बता दे, भारत में यात्री वाहनों की संख्या दुनिया के अन्य देशो की तुलना में काफी ज्यादा है पिछले कुछ सालों से स्वस्थ्य और परिवार मंत्रालय सर्वे में पाया था कि भारत में 12 घरों से से सिर्फ एक घर में ही कार है। गोवा प्रति घर के हिसाब से कार रखने के मामले में देश में सबसे आगे है। इसके साथ ही दोपहिया वाहनों को रखने में भारतीय लोगों की रैंकिंग बेहतर हैं। भारत में औसतन 50 प्रतिशत परिवारों में बाइक, स्कूटर या साइकिल जैसे दोपहिया वाहन हैं। also read ; मात्र 80 हजार की कीमत में आ रही है ये 70 Kmpl माइलेज वाली बाइक, महीने का खर्च ऑटो रिक्सा से भी कम