सरकार ने बढ़ाई CGHS पैनल अस्पतालों की वैधता, अब कैशलेस इलाज मिलेगा बिना रुकावट! क्या आप भी लाभार्थी हैं? जानें इस विस्तार का पूरा फायदा कैसे उठाएं।
Central Government Health Scheme यानी CGHS से जुड़े लाखों सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके आश्रितों के लिए राहत की खबर है। हालिया अपडेट के अनुसार, CGHS पैनल वाले अस्पतालों की वैधता को अब 30 अप्रैल 2026 तक बढ़ा दिया गया है। यह फैसला 1 मई 2025 से लागू होगा और इसके तहत सभी सेवाएं मौजूदा शर्तों और दरों के अनुसार जारी रहेंगी।
कौन होंगे इस फैसले से लाभान्वित
इस विस्तार से केंद्रीय सरकारी कर्मचारी, रिटायर्ड कर्मचारी, और उनके आश्रितों को सबसे अधिक फायदा होगा। CGHS योजना के तहत लाभार्थी पैनल में शामिल निजी अस्पतालों, डेंटल क्लीनिक, नेत्र चिकित्सालय और डायग्नोस्टिक सेंटर्स में कैशलेस या रिइम्बर्समेंट सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह फैसला विशेष रूप से उन पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आया है जो इलाज के लिए CGHS पर निर्भर हैं।
दिल्ली-NCR में CGHS पैनल अस्पतालों की स्थिति
दिल्ली-NCR क्षेत्र में फिलहाल 445 पंजीकृत Health Care Organizations (HCOs) CGHS पैनल में शामिल हैं। इनमें मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स से लेकर सुपर स्पेशलिटी नेत्र और दंत केंद्र तक शामिल हैं। यह वैधता विस्तार सुनिश्चित करता है कि सभी पैनल अस्पताल बिना किसी व्यवधान के सेवाएं प्रदान करते रहेंगे।
सेवाओं की शर्तें और दरों में कोई बदलाव नहीं
हालांकि CGHS पैनल अस्पतालों की वैधता बढ़ा दी गई है, लेकिन सेवाओं की शर्तों और दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब यह है कि लाभार्थी पहले की तरह ही सभी स्वास्थ्य सेवाएं बिना अतिरिक्त भुगतान के या CGHS दरों पर प्राप्त कर सकेंगे।
अस्पताल की सूची और जानकारी कैसे पाएं
CGHS की आधिकारिक वेबसाइट www.cghs.gov.in पर जाकर लाभार्थी अपने क्षेत्र के अनुसार अस्पतालों की सूची देख सकते हैं। वेबसाइट पर सुविधा है जहां लाभार्थी शहर, हॉस्पिटल टाइप और स्पेशलिटी के अनुसार फ़िल्टर करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे प्रमुख शहरों के लिए यह सुविधा विशेष रूप से उपलब्ध है।
सरकार का उद्देश्य और लाभार्थियों की सुरक्षा
सरकार का उद्देश्य है कि Public Healthcare सिस्टम को सुचारू बनाए रखते हुए लाभार्थियों को uninterrupted सुविधा दी जा सके। CGHS Update इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कोई भी लाभार्थी बिना इलाज के न रह जाए।