Clay Pot Water: गर्मियों का मौसम शुरू होते ही शरीर में पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है। ऐसे में खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी हो जाता है। मटके का पानी एक पारंपरिक और प्राकृतिक तरीका है जिससे शरीर को न केवल ठंडक मिलती है बल्कि यह कई बीमारियों से भी बचाता है। आजकल भले ही हर घर में फ्रिज हो, लेकिन मटके का पानी पीने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है , क्योंकि यह न तो बहुत ठंडा होता है और न ही शरीर को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, इसके सही उपयोग के लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है।
मटके का पानी प्राकृतिक ठंडक और सेहत का संयोजन
मटके में पानी रखने से वह धीरे-धीरे ठंडा होता है। यह ठंडक प्राकृतिक होती है, जिससे गले में खराश या सर्दी-खांसी का खतरा नहीं होता । इसके अलावा मिट्टी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजनरोधी) तत्व शरीर के दर्द, ऐठन और सूजन जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं। मटके का पानी न केवल पाचन में सहायक होता है बल्कि यह शरीर को डिटॉक्सिफाई भी करता है। इसका नियमित सेवन करने से स्किन भी ग्लो करने लगती है और पाचन तंत्र बेहतर रहता है।
मटके का पानी पीते समय न करें ये गलतियां
जहां एक ओर मटके का पानी सेहत के लिए फायदेमंद है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़ी कुछ छोटी-छोटी लापरवाहियां आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं। आइए जानते हैं वो गलतियां जो अक्सर लोग करते हैं:
मटके को नियमित न धोना
मटके में पानी स्टोर करने से उसकी भीतरी सतह पर फफूंद और बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं । यदि आप मटके को साफ नहीं करते हैं, तो इसका पानी दूषित हो सकता है।
सावधानी:
- हर 2-3 दिन में मटके को अच्छे से धोएं और धूप में सुखाएं ।
- मटके में पानी भरने से पहले उबालकर ठंडा किया गया या फिल्टर्ड पानी इस्तेमाल करें।
हाथ डालकर पानी निकालना
घर में कई बार बच्चों या बड़े भी मटके में हाथ डालकर पानी निकालते हैं, जो कि गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का कारण बन सकता है। हाथों में मौजूद बैक्टीरिया मटके के पानी को दूषित कर देते हैं।
सावधानी:
- पानी निकालने के लिए हमेशा कप, कलछी या स्टील का लोटा उपयोग करें।
- मटके को हमेशा ढक कर रखें , ताकि उसमें मच्छर, धूल या कीड़े न जाएं।
मटके के चारों ओर कपड़ा लपेटकर रखकर भी सावधानी जरूरी
गर्मी में मटके को ठंडा रखने के लिए लोग उसके चारों तरफ कपड़ा लपेट देते हैं। यह तरीका कारगर है, लेकिन अगर कपड़े की सफाई नहीं की गई , तो वह बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन की वजह बन सकता है।
सावधानी:
- कपड़े को हर दिन साफ करें और धूप में सुखाएं।
- गीले कपड़े को लंबे समय तक न रखें, इससे फंगस पनप सकती है।
मटके का पानी लंबे समय तक न रखें
एक बार मटका भर दिया तो लोग कई दिन तक उसी पानी को पीते रहते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है । लंबे समय तक रखा पानी खराब हो सकता है और उसमें बैक्टीरिया का संक्रमण बढ़ सकता है।
सावधानी:
- मटके का पानी रोजाना बदलें ।
- बचा हुआ पुराना पानी फेंक दें और मटका साफ करके ताजा पानी भरें।
पानी भरते समय गंदा बर्तन न करें इस्तेमाल
कई बार लोग पानी भरने के लिए वही लोटा या मग इस्तेमाल करते हैं जो बार-बार जमीन पर रखा जाता है या जिसे ठीक से धोया नहीं गया हो।
सावधानी:
- पानी भरने और पीने वाले बर्तन को साफ रखें और अलग रखें।
- यह सुनिश्चित करें कि पानी निकालते समय हाथ मटके के मुंह से न छुएं।
मटके के पानी के फायदे जो आपको जानने चाहिए
✅ पाचन तंत्र बेहतर करता है – मटके का पानी गैस, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है।
✅ डिहाइड्रेशन से बचाता है – तेज गर्मी में मटके का पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है।
✅ स्किन के लिए फायदेमंद – शरीर को डिटॉक्स करके स्किन को साफ और चमकदार बनाता है।
✅ गले के लिए सुरक्षित – फ्रिज के बर्फ जैसे ठंडे पानी के मुकाबले मटके का पानी गले के लिए ज्यादा सुरक्षित है।
✅ प्राकृतिक कूलिंग सिस्टम – बिजली के खर्च और फ्रिज के उपयोग से बचने का पारंपरिक तरीका।
गर्मियों में मटके का पानी वरदान, लेकिन लापरवाही से बन सकता है बीमारी का कारण
मटके का पानी जितना लाभदायक है, उसकी साफ-सफाई और इस्तेमाल में सावधानी उतनी ही जरूरी है। छोटी-छोटी गलतियों से बड़ी बीमारियों को न्योता दिया जा सकता है। इसलिए अगर आप इस गर्मी में मटके का पानी पीना पसंद करते हैं, तो ऊपर बताए गए सभी सावधानियों का जरूर पालन करें।