CNG Price Hike: अगर आप दैनिक सफर के लिए CNG वाहन का उपयोग करते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) ने एक बार फिर दिल्ली और आसपास के शहरों में CNG की कीमतों में बढ़ोतरी की है. 3 मई 2025 की सुबह 6 बजे से ये नई दरें लागू हो चुकी हैं.
दिल्ली में ₹1 प्रति किलो महंगी हुई CNG
राजधानी दिल्ली में CNG की कीमत अब ₹77.09 प्रति किलो हो गई है, जो पहले ₹76.09 थी. यानी एक रुपये प्रति किलो की सीधी बढ़ोतरी. यह बढ़ोतरी ऐसे समय पर हुई है जब महंगाई पहले से ही आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही है.
एक महीने में दूसरी बार बढ़े दाम
यह ध्यान देने योग्य है कि अप्रैल में भी IGL ने CNG की कीमतों में ₹1 प्रति किलो की बढ़ोतरी की थी. यानी एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब CNG महंगी हुई है.
नोएडा, गाजियाबाद और अन्य शहरों में क्या हैं नए रेट?
दिल्ली के अलावा अन्य शहरों में भी CNG महंगी हुई है. नए रेट कुछ इस प्रकार हैं:
- नोएडा व गाजियाबाद: ₹85.70 प्रति किलो (पहले ₹84.70)
- गुरुग्राम: ₹83.12 प्रति किलो
- कानपुर: ₹89.92 प्रति किलो
- मेरठ: ₹87.08 प्रति किलो
ये बढ़ोतरी पूरे NCR क्षेत्र के दैनिक यात्रियों और टैक्सी/ऑटो चालकों के लिए अतिरिक्त खर्च का कारण बन रही है.
IGL को सबसे ज्यादा बिक्री दिल्ली से
IGL की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली उसका सबसे बड़ा बाजार है. कंपनी की कुल CNG बिक्री का करीब 70% हिस्सा दिल्ली से आता है. जबकि बाकी 30% नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और अन्य शहरों से इसलिए दिल्ली में CNG की कीमत में बदलाव प्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को प्रभावित करता है.
उपभोक्ताओं पर बढ़ रहा आर्थिक दबाव
CNG को अब तक सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन माना जाता रहा है, लेकिन हाल की बढ़ोतरी ने इसे भी आम जनता की पहुंच से थोड़ा दूर कर दिया है.
- टैक्सी व ऑटो चालक जिन्हें हर दिन लंबे सफर तय करने होते हैं, उनकी कमाई पर सीधा असर पड़ता है.
- रोज़ाना ऑफिस जाने वाले कर्मचारी भी अब महीने के खर्च में इजाफा महसूस कर रहे हैं.
कीमत बढ़ने के पीछे की संभावित वजहें
IGL ने इस बार कीमतों में बढ़ोतरी का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है. लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- वैश्विक प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि
- डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट
- ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक लागत में इजाफा
इन सभी वजहों से कंपनियों पर लागत का दबाव बढ़ता है, जिसका असर आखिरकार आम उपभोक्ता पर पड़ता है.