Consumer Court Rules: हाल ही में संबलपुर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक ज़ेरॉक्स दुकान के मालिक को 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. यह मामला तब सामने आया जब दुकान मालिक ने ग्राहक को तीन रुपये वापस करने से इनकार कर दिया था. इस निर्णय के अनुसार यदि दुकानदार जुर्माना नहीं भरता है तो उसे 9% वार्षिक ब्याज के साथ जुर्माना भुगतान करना पड़ेगा.
ग्राहक को मिला न्याय
घटना के दिन पत्रकार प्रफुल्ल कुरार दाश ने एक दस्तावेज़ की फोटोकॉपी के लिए दुकान पर पांच रुपये दिए थे लेकिन जब उन्होंने तीन रुपये वापस मांगे तो दुकानदार ने इनकार कर दिया (denial-of-returning-money). बाद में दुकानदार के गलतव्यवहार के चलते ग्राहक ने अदालत में मामला दर्ज किया. अदालत ने इस व्यवहार को ग्राहक के अधिकारों का हनन माना और दुकानदार पर भारी जुर्माना लगाया.
दुकानदार की जिम्मेदारियाँ और उल्लंघन
इस मामले के तहत दुकानदार को न केवल तीन रुपये वापस करने होंगे बल्कि उन्हें ग्राहक को मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना देना होगा (mental-agony-compensation). यदि वह इसे नहीं करता है तो उसे जुर्माना राशि पर 9% वार्षिक ब्याज भी चुकाना पड़ेगा.
मामले की गंभीरता और उपभोक्ता जागरुकता
यह मामला न केवल एक छोटी रकम के लेन-देन से जुड़ा है बल्कि यह उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और उपभोक्ता जागरुकता (consumer-rights-protection) को भी दर्शाता है. इस घटना ने उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने और उनकी रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की प्रेरणा दी है.