Cow Dung Export: भारत में गाय का गोबर न केवल पवित्रता का प्रतीक है बल्कि इसका व्यावसायिक उपयोग भी काफी बढ़ रहा है. प्रतिदिन लगभग 30 लाख टन गोबर का उत्पादन होता है. जिसका उपयोग खेती से लेकर बायोगैस उत्पादन तक में होता है. इसका निर्यात भी खाड़ी देशों जैसे कुवैत और अन्य अरब देशों में हो रहा है जो इसे खेती के लिए उपयोग कर रहे हैं.
खाड़ी देशों में गोबर का उपयोग
खाड़ी देशों में भारतीय गोबर का उपयोग खजूर की फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. वैज्ञानिक शोधों में पाया गया है कि गोबर को पाउडर के रूप में इस्तेमाल करने से खजूर के फलों का आकार बढ़ता है और उत्पादन में भी वृद्धि होती है.
गोबर का व्यावसायिक मूल्य और निर्यात
भारत से गोबर का निर्यात बढ़ रहा है. जिसे विशेष रूप से खाड़ी देशों द्वारा खरीदा जा रहा है. भारत गोबर को 30 से 50 रुपये प्रति किलो की दर से निर्यात कर रहा है. इसके बढ़ते मूल्य के कारण गोबर का व्यावसायिक महत्व और भी बढ़ गया है.
गोबर के अलग-अलग उपयोग
गोबर का उपयोग न केवल खाद के रूप में किया जा रहा है. बल्कि इसका इस्तेमाल बायोगैस और ईकोफ्रेंडली उत्पादों के निर्माण में भी हो रहा है. यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी इसका महत्व बढ़ा है.
भविष्य में गोबर की संभावनाएं
भारत में गोबर की बढ़ती मांग और इसके विविध उपयोगों को देखते हुए. इसकी भविष्य की संभावनाएं और भी उज्ज्वल हैं. यह न केवल घरेलू बाजार में बल्कि विश्व बाजार में भी भारत के कृषि उत्पादों की पहचान को मजबूत करेगा.