किसानों के द्वारा अपनी बोई गई फसल गेहूं सरसों जौ चना आदि सभी फसल की कटाई का काम शुरू हो गया है या अभी कुछ समय बाद होने वाला है। लेकिन किसान अपनी फसल का सही समय ओर सही कीमत पर बेचना भी जरूरी होता है।
Crop MSP Registration
इसी कड़ी में देश के अलग अलग राज्यों सरकार के द्वारा अगल अलग फसलों की खरीद के लिए तैयारी किया जा रहा है। सरकारी खरीद पैर फसल बेचने से पहले किसानों को अपनी फसल का पंजीकरण करवाना पड़ता है।
Crop MSP Registration Last Date: बता दें कि मध्यप्रदेश राज्य में सरसों, चना व मसूर फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर 20 फरवरी से पंजीयन प्रक्रिया को आरंभ किया जा चुका है। ऐसे में जो भी किसान अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने की इच्छा रखते हैं वो अपनी फसल का पंजीयन 10 मार्च 2025 तक पूरा कर ले ताकि उन्हें एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने का मौका मिलेगा।
किसानों की जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि अबकी बार केंद्र सरकार की तरफ से मसूर का एमएसपी रेट 6700, चना का एमएसपी रेट 5650 व सरसों का एमएसपी रेट 5950 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। ऐसे में किसानों को अपनी इन फसलों का समर्थन मूल्य पर उपार्जन हो पाए इसके लिए वेबसाइट mpeuparjan.nic.in के जरिए पंजीयन कराया जा सकता है।
सरसों, चना और मसूर का पंजीयन कहां पर करें
एमपी राज्य के किसानों को अपनी फसल किसान ई-उपार्जन पोर्टल या फिर इसके अलावा अपनी फसल का पंजीयन को ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित किए गए सुविधा केंद, सहकारी समितियों व सहकारी संस्थाओं के द्वारा चलाई जा रहा पंजीयन केन्द्र व एमपी किसान एप आदि के जरिए पंजीयन को निशुल्क करवाया जा सकता है।
जिसके लिए किसानों को पिछले साल का पंजीयन में दर्ज कराया गया आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण में कोई भी जानकारी बदलाव करने की जरूरत रहती है तो इसके जुड़े दस्तावेज प्रमाण पत्र को पंजीयन पर लेकर जाना होगा।
वही वे किसान जिनके द्वारा बीते साल रबी या फिर खरीफ फसल का पंजीयन नहीं किया गया था। या फिर ई-उपार्जन पोर्टल पर उनका रिकॉर्ड नहीं है तो उन किसानों को समिति स्तर पर पंजीयन कराने के लिए अपना मोबाइल नंबर, आधार कार्ड नम्बर, बैंक खाता व निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन पंजीयन केन्द्र पर देना होगा।
किसानों के द्वारा अपनी भूमि में बुवाई की गई फसल की किस्म का नाम, रकबा व विक्रय योग्य मात्रा का डिटेल मिलने वाले आवेदन में दर्ज किया जाएगा। ऐसे में किसानों को अपनी फसल का पंजीयन निर्धारित किया गया समय 10 मार्च 2025 तक पूरा नहीं किया जाता है तो फिर शासन की उपार्जन योजनाओं का बेनिफिट नहीं मिल पाएगा।
किसानों को फसल का भुगतान जीआईटी के जरिए सीधा बैंक खाता में भेजा जाएगा। ऐसे में किसानों को पंजीयन के समय पर राष्ट्रीयकृत एवं जिला केन्द्रीय बैंक की शाखा के एकल खाता हो मान्य होगा। वही बता दें कि ऋण, जन धन, बंद, नाबालिग या फिर अस्थायी तौर पर रोक लगा खाता पंजीयन में मान्य नहीं होगा।