Crude Oil Discovery India: भारत अंडमान सागर में विशाल तेल भंडार की खोज के बेहद करीब पहुंच चुका है. अगर यह खोज सफल होती है, तो यह देश की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिहाज़ से एक बड़ा गेम-चेंजर साबित हो सकती है.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का बड़ा बयान
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में यह जानकारी दी कि अंडमान सागर में 1.84 लाख करोड़ लीटर तक कच्चे तेल का भंडार हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह खोज गुयाना में मिले तेल भंडार की तरह हो सकती है. जिसने उस देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया था.
कृष्णा-गोदावरी बेसिन के बाद अब अंडमान से उम्मीद
पुरी ने बताया कि जैसे कृष्णा-गोदावरी बेसिन से सकारात्मक परिणाम मिले थे. वैसे ही अंडमान सागर से भी अब सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि यह खोज भारत की अर्थव्यवस्था को \$3.7 ट्रिलियन से बढ़ाकर \$20 ट्रिलियन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा सकती है
समुद्री क्षेत्र में खुदाई की शुरुआत
सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में तेल और गैस की खोज को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं. इसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों जैसे ONGC और ऑयल इंडिया लिमिटेड ने अंडमान क्षेत्र में गहरे समुद्र में खुदाई शुरू कर दी है.
2024 में ONGC की बड़ी उपलब्धि
वित्त वर्ष 2024 में ONGC ने 37 वर्षों में सबसे अधिक 541 कुएं खोदे. जिनमें 103 खोज कुएं और 438 विकास कुएं शामिल थे. साथ ही कंपनी ने ₹37,000 करोड़ का अब तक का सबसे बड़ा पूंजीगत निवेश (Capital Expenditure) किया.
तेल आयात पर निर्भरता होगी कम
वर्तमान में भारत अपनी कच्चे तेल की 85% जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है. यदि अंडमान सागर से वाणिज्यिक मात्रा में तेल निकलता है, तो यह देश की ऊर्जा स्वतंत्रता को मजबूत करेगा और आयात बिल में बड़ी कटौती होगी. इससे देश की मुद्रास्फीति भी नियंत्रित हो सकती है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आ सकती है स्थिरता
तेल की घरेलू उपलब्धता बढ़ने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता आ सकती है. इससे आम आदमी को राहत मिलेगी और उद्योगों को भी सस्ता ईंधन मिल सकेगा, जो अर्थव्यवस्था को नई गति देगा.
गुयाना मॉडल पर काम कर रहा भारत
पुरी ने बताया कि गुयाना में 41वें कुएं में जाकर तेल मिला था. जबकि भारत ने अब तक अंडमान सागर में कुछ ही खुदाई की है. उन्होंने कहा कि यह एक लंबी प्रक्रिया है लेकिन संकेत उत्साहजनक हैं.
भारत बन सकता है प्रमुख तेल उत्पादक देश
यदि यह खोज सफल होती है, तो भारत वैश्विक तेल उत्पादक देशों की कतार में शामिल हो सकता है. इससे न सिर्फ विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा. बल्कि ग्लोबल एनर्जी मार्केट में भी भारत की स्थिति और मजबूत होगी
तेल खोज से मिल सकती है रोजगार और निवेश को रफ्तार
तेल और गैस क्षेत्र में नए अवसरों के खुलने से रोजगार की संभावना भी बढ़ेगी. इसके साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में निजी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा. जिससे देश में औद्योगिक विकास को बल मिलेगा.

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		