DA calculation method :वेतन के अलावा कर्मचारियों को मिलने वाले डीए व अन्य भत्तों का भी उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में अहम रोल है। हालांकि डीए को मूल वेतन से अलग ही रखा जाता है लेकिन यह कर्मचारियों को महंगाई से लड़ने में मदद करता है। सरकार द्वारा इसे हर 6 महीने में संशोधित (DA hike) किया जाता है। अब कर्मचारियों का ये डीए नए फॉमूले के हिसाब से कैलकुलेट किया जाएगा। इससे डीए में तगड़ी बढ़ोतरी होगी, जिसका फायदा 49 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67 लाख पेंशनर्स को मिलेगा।
लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए गुड न्यूज है। पिछले लंबे समय से देशभर के केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स अपने डीए और डीआर (DR Revision) में बढ़ौतरी का इंतजार कर रहे हैं। डीए को लेकर अब एक बड़ा अपडेट सामने आया है। अब उनकी ये मांग जल्द पूरी होने वाली है। खास बात ये है कि अब सरकार ने डीए यानी महंगाई भत्ते में संशोधन के फॉमूले को चेंज कर दिया है। इससे कर्मचारियों व पेंशनर्स को काफी लाभ होगा। आइए विस्तार से जानते हैं डीए कैलकुलेशन (DA calculation) के इस नए फॉर्मूले को।
फार्मूले में बदलाव की हो रही लगातार मांग-
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के एक संगठन ने हाल ही में कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ता (Dearness Allowances hike) कैलकुलेशन के फार्मूले में बदलाव करने की मांग की है। कर्मचारियों की मांग है कि डीए की कैलकुलेशन 12 माह के औसत वेतन के बजाय हर तीन महीने के औसत वेतन के हिसाब से होनी चाहिए।
यानी हर तीन माह में महंगाई के हिसाब से भत्ते को बढ़ाने (DA hike latest update) की मांग की जा रही है। यूनियन कैबिनेट सेक्रेट्री को एक पत्र में परिसंघ के महासचिव एसबी यादव ने कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA hike) और महंगाई राहत (DR hike) के कैलकुलेशन में भी सुधार करने की मांग की है।
सभी कर्मचारियों के लिए हो एक ही फॉर्मूला-
परिसंघ द्वारा लिखे गए इस पत्र में अलग-अलग विभागों में काम कर रहे सरकारी कर्मचारियों के DA कैलकुलेशन (DA calculation new formula) के मेथड में असमानता को लेकर भी जिक्र किया गया है। सरकारी बैंकों समेत अन्य पब्लिक सेक्टर यूनिट्स में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए डीए कैलकुलेशन के फार्मूले (DA formula) को केंद्र सरकार के अन्य विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों के डीए कैलकुलेशन के फार्मूले से अलग रखा गया है। कहीं यह 12 माह के औसत वेतन के हिसाब से तय होता है तो कहीं 3 माह के औसत वेतन के आधार पर तय किया जाता है। इस असमानता को खत्म करते हुए इसे 3 माह के फॉर्मूले (DA ka New formula) के हिसाब से तय किए जाने की मांग की जा रही है।
परिसंघ ने दिया यह सुझाव-
डीए (dearness allowance) में नए फाॅर्मूले को लागू करने को लेकर कर्मचारियों के परिसंघ ने सुझाव देते हुए कहा है कि 12 महीने के औसत वेतन वाले तरीके को तीन महीने के औसत वेतन वाले फॉर्मूले से रिप्लेस कर दिया जाना चाहिए। महंगाई भत्ते में बदलाव होने की वजह से पब्लिक सेक्टर (Public Sector employees) और बैंकों में काम करने वाले कर्मचारियों की ही तरह से अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी हर तीन महीने में ही राहत देनी चाहिए ताकि उन्हें महंगाई से राहत (Relief from inflation) मिले और उनका जीवन यापन आसानी से हो सके।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए DA कैलकुलेशन का तरीका-
DA = { (पिछले 12 माह के लिए AICPI (बेस ईयर 2016=100) का औसत – 115. 76)/115.76 } x 100
पब्लिक सैक्टर के कर्मचारियों के लिए फॉर्मूला-
DA = { (पिछले 3 माह के लिए AICPI (बेस ईयर 2001=100) का औसत – 126. 33)/126.33 } x 100
DA कैलकुलेशन मेथड में समानता लाने की मांग-
DA कैलकुलेशन के इस मेथड की असमानता को भी खत्म किए जाने की मांग लगातार हो रही है। इस फॉर्मूले में समानता लाते हुए महंगाई के हिसाब से हर तीन माह में डीए बढ़ाया जाना चाहिए। पत्र में लिखा गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए छह महीने में डीए संशोधित (DA calculation formula) किया जाता है,
वहीं बैंक और एलआईसी वर्कर्स को पॉइंट-टू-पॉइंट हर तीन माह में डीए (DA calculation) दिया जा रहा है। इन कर्मचारियों को मिलने वाले डीए की तर्ज पर अन्य कर्मचारियों को भी डीए दिया जाना चाहिए। एलआईसी व बैंक कर्मचारियों की अपेक्षा अन्य कर्मचारियों को 0.9 प्रतिशत डीए से दूर रखा जा रहा है, जो कर्मचारियों के लिए आर्थिक हानि है।