DA Hike In March – यदि आप केंद्रीय सरकार के कर्मचारी हैं और महंगाई भत्ता (डीए) में बढ़ोतरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो यह खबर आपको निराश कर सकती है। सरकार इस बार 78 महीनों में सबसे कम डीए बढ़ाने जा रही है, जो केंद्रीय कर्मचारियों को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।
केंद्रीय सरकार हर साल दो बार महंगाई भत्ता बढ़ाती है। जनवरी में पहला और जुलाई में दूसरा। जनवरी की बढ़ोतरी अक्सर होली से पहले घोषित की जाती है, जबकि जुलाई की बढ़ोतरी अक्सर दीवाली से पहले घोषित की जाती है। लेकिन लाखों सरकारी कर्मचारी इस बार निराश हो गए क्योंकि सरकार ने होली से पहले कोई घोषणा नहीं की। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि होली के बाद 15 मार्च को कैबिनेट की बैठक में डीए बढ़ोतरी पर फैसला लिया जा सकता है।
केंद्र सरकार फिलहाल 53 प्रतिशत डीए दे रही है
फिलहाल, केंद्रीय कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 53 प्रतिशत डीए पा रहे हैं। पिछले अक्टूबर में डीए में 3% की बढ़ोतरी की गई थी। कर्मचारियों को पहले 50 प्रतिशत डीए मिल रहा था।
सरकार ने डीए को हर बार 3 से 4 प्रतिशत तक बढ़ाया है, लेकिन इस बार सिर्फ 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है, जो पिछले 78 महीनों में सबसे कम होगी। डीए पहले जुलाई से दिसंबर 2018 तक सिर्फ 2 प्रतिशत बढ़ाया गया था।
सरकार क्यों कर रही है इतनी कम बढ़ोतरी?
सरकार महंगाई भत्ता (DA) को बढ़ाना चाहती है, जो AICPI (ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) के आंकड़ों पर आधारित है। AICPI इंडेक्स पिछले छह महीनों के आधार पर डीए में वृद्धि का अनुमान लगाया जाता है।
महंगाई भत्ते में इस बार सिर्फ 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है, जिससे लगभग 47 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी प्रभावित होंगे।
सरकार ने क्यों नहीं की होली से पहले घोषणा?
12 मार्च को इस साल सरकार ने पहले एक कैबिनेट बैठक बुलाई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से बैठक नहीं हो पाई। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि 15 मार्च को बैठक होगी, जिसमें डीए बढ़ोतरी पर फैसला लिया जाएगा।
कर्मचारियों ने होली से पहले सरकार से खुशखबरी मिलने की उम्मीद की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्थिति अब होली के बाद कैबिनेट बैठक में ही स्पष्ट होगी।
पिछले सात सालों में इतनी कम बढ़ोतरी नहीं हुई
अगर सरकार इस बार डीए में सिर्फ 2 प्रतिशत बढ़ोतरी करती है, तो यह पिछले सात सालों में सबसे कम होगी।
2018 के बाद से सरकार ने कभी भी 3 प्रतिशत से कम बढ़ोतरी नहीं की थी। बल्कि कई बार 4 प्रतिशत या उससे ज्यादा भी डीए बढ़ाया गया था। लेकिन इस बार स्थिति अलग है, और कर्मचारियों को कम बढ़ोतरी से ही संतोष करना पड़ सकता है।
7वें वेतन आयोग के तहत डीए का गणित
जनवरी 2016 से 7वां वेतन आयोग लागू हुआ, जिसके तहत पूर्ववर्ती वेतन आयोग का 125 प्रतिशत डीए बेसिक सैलरी में जोड़ा गया। डीए में इसके बाद जुलाई 2016 में पहली बार सिर्फ 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई।
सरकार दोबारा 2 प्रतिशत की वृद्धि करेगी तो यह सातवें वेतन आयोग में सबसे कम वृद्धि में से एक होगी।
डीए बढ़ोतरी का असर कर्मचारियों पर कैसे पड़ेगा?
महंगाई भत्ते में सिर्फ 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी का मतलब यह है कि केंद्रीय कर्मचारियों को अपनी सैलरी में ज्यादा इजाफा देखने को नहीं मिलेगा।
मध्यमवर्गीय कर्मचारी, जो अपने वेतन पर निर्भर हैं, का मासिक खर्च प्रभावित होगा।
कम बढ़ोतरी भी रिटायर कर्मचारियों और पेंशनर्स को प्रभावित कर सकती है।
कम डीए बढ़ने से नए सरकारी कर्मचारियों को भी नुकसान होगा।
अब आगे क्या होगा?
अगर सरकार 15 मार्च को कैबिनेट बैठक में डीए बढ़ोतरी का ऐलान करती है, तो यह तय होगा कि कर्मचारियों को कितनी राहत मिलेगी।
यदि सरकार 2 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी करती है, तो कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
लेकिन अगर सरकार सिर्फ 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी करती है, तो यह पिछले 78 महीनों में सबसे कम बढ़ोतरी होगी, जिससे कर्मचारियों की सैलरी कुछ भी नहीं बढ़ेगी।
AICPI इंडेक्स में सुधार होने पर जुलाई में सरकार डीए में अधिक राशि बढ़ा सकती है।
क्या कर्मचारियों को बोनस मिल सकता है?
सरकारी कर्मचारियों का मानना है कि बोनस मिल सकता है अगर सरकार डीए को कम करती है। सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी है।
महंगाई दर में इस बार सिर्फ 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है, जो पिछले 78 महीनों में सबसे कम है। डीए में पहले से ही 3 से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती रही है, इससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स प्रभावित हो सकते हैं।
कर्मचारी निराश हैं क्योंकि सरकार ने होली से पहले कोई घोषणा नहीं की। अब उम्मीद की जा रही है कि 15 मार्च की कैबिनेट बैठक में डीए बढ़ोतरी पर निर्णय लिया जाएगा।
अगर सरकार सिर्फ 2 प्रतिशत बढ़ोतरी करती है, तो यह 2018 के बाद सबसे कम वृद्धि होगी। ऐसे में कर्मचारियों को अपनी आर्थिक योजनाएं दोबारा सोचने की जरूरत पड़ सकती है।
अब देखना यह है कि सरकार कर्मचारियों को खुशखबरी देती है या इस बार भी सिर्फ औपचारिक बढ़ोतरी करके छोड़ देती है।