रबी के मौसम में सरसों, चना के बिजाई का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। और किसानों के द्वारा अब अधिकतर भूमि में गेहूं की बुवाई का कार्य रह चुका है। और किसान अब जल्दी से जल्दी गेहूं की बुवाई का कार्य पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
जानें क्या है DAP And SSP Difference
DAP And SSP Difference : लेकिन किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती मौजूदा समय में डीएपी कम होने से उन्हें बुवाई में काफी दिक्कत हो रही है। और इसकी पूर्ति के लिए यानी गेहूं की बुवाई में होने वाले खाद की खुराक को पूरा करने के लिए किसानों के लिए क्या-क्या और विकल्प हो सकते हैं उसके बारे में हम आप विस्तार से जानेंगे।
किसानों के द्वारा अपने खरीफ हो या फिर रबी दोनों ही सीजन फसलों में डीएपी यानी डाई अमोनियम फास्फेट सबसे अधिक उपयोग में लाते हैं और मौजूदा समय में डीएपी की बाजार में मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो रहा।
इसी को लेकर कृषि अधिकारी डॉ. विकास विभोर के मुताबिक डीएपी फर्टिलाइजर में डाई अमोनियम फास्फेट जो की 18% नाइट्रोजन & 46% फास्फोरस में मिलता है। जिसका इस्तेमाल किस अच्छी पैदावार के लिए गेहूं, चना, सरसों, आलू, जौ, मटर आदि फसलों में डालते हैं। और इन फसलों के लिए यह आवश्यक भी है तो ऐसे में अगर यह डीएपी नहीं मिल पाता तो किसान इसके जगह पर सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग में लाया जा सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुपर फास्फेट तीन तरह से आता है जिसमें एसएसपी (SSP) सिंगल सुपर फॉस्फेट, डीएसपी (DSP) डबल सुपर फॉस्फेट व टीएसपी (TSP) ट्रिपल सुपर फॉस्फेट के साथ मिलता हैं।
उनके मुताबिक तिलहन और दलहन फसलों में SSP का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा और गुणवत्ता वाला उत्पादन प्राप्त है। जिसमें सूक्ष्म तत्व भी पाया जाता है और यह उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है।
डॉ. विकास विभोर के मुताबिक एसएसपी का सिंगल, डबल और ट्रिपल सुपर फास्फेट का उपयोग करने से जमीन का PH मान सामान्य रूप से बना रहेगा।
सिंगल सुपर फास्फेट, डबल सुपर फास्फेट या फिर ट्रिपल सुपर फास्फेट का इस्तेमाल करने से मिट्टी का पीएच मान सामान्य रहता है। क्योंकि इसमें सल्फर व कैल्शियम होने से मृदा स्वास्थ्य में बहुत सुधार होता है।
एस एस पी में क्या क्या पाया जाता है
1. एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट) — 12% कैल्शियम 16% फास्फोरस व 21% सल्फर
2. डीएसपी (डबल सुपर फास्फेट) — 12% कैल्शियम 32% फास्फोरस व 21% सल्फर
3. टीएसपी (ट्रिपल सुपर फास्फेट) — 12% कैल्शियम 48 प्रतिशत फास्फोरस व 21% सल्फर
गेहूं की फसल पकने के लिए किसानों को नाइट्रोजन 150 किलोग्राम, पोटाश 40 किलोग्राम व फास्फोरस 60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर में आवश्यकता रहती है। ऐसे में अगर किसान डीएपी के जगह पर अन्य जैसे एसएसपी, डीएसपी व टीएसपी को उपयोग में लाते हैं। तो किसानों को नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए अलग से यूरिया डालना होगा।