DAP Asli Nakli Ki Pahchan: हमारे देश में खेती प्रधान देश और यहां पर किसानों के द्वारा अलग अलग हिस्सों में हर सीजन में खेती किया जाता है और खेती में किसानों के द्वारा उर्वरकों का भी इस्तेमाल किया जाता है। किसानों के द्वारा मुख्य रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश का उपयोग अधिक मात्रा में होता है। डीएपी (Diammonium Phosphate) खाद मुख्य रूप से दो पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो कि फॉस्फोरस और नाइट्रोजन होता है।
असली-नकली DAP की पहचान का तरीका (DAP Identification)
असल में नाइट्रोजन का कार्य पत्ती और तना के बढ़वार होने में और जड़ों को विकास के लिए फास्फोरस डाला जाता है। इसके अलावा फास्फोरस से फसल के फल और फूल में भी लाभ मिलेगा है।
DAP Identification: ऐसे में किसानों को अपनी फसल में सही डीपी का इस्तेमाल करने पर अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है लेकिन बहुत सी बार ऐसा देखने को मिला है। कि किसानों को नकली उर्वरक मिल जाता है। जिस कारण से उन्हें काफी नुकसान भी होता है।
ऐसे में किसानों को हमेशा उर्वरक लेते समय विशेष ध्यान रखना होगा। जिसमें सबसे अधिक डीएपी खाद का सही नहीं होना। इस कारण से किसानों को अपनी फसल की गुणवत्ता में काफी नुकसान होता है जिससे उन्हें धन हानि भी होती है। किसानों को अपनी फसल पर अधिक खर्च के साथ-साथ जमीन को भी नुकसान हो सकता है।
असली डीएपी की पहचान कैसे करें
ऐसे में किसानों को डीएपी खाद को खरीदते समय कृषि विशेषज्ञ व अधिकारियों के मुताबिक कुछ आसान तरीका को अपनाकर किसान जान पाएंगे कि लेने वाला डीएपी असली है या फिर नकली। किसान उर्वरक की गुणवत्ता को सही से पहचान करने के लिए जब डीएपी के दाने हाथ में लेंगे तो शख्त दिखाई देते हैं। और असली डीएपी का रंग काला, भूरा बादामी रंग का हो सकता है। डीएपी असली के दाने नाखून की सहायता से आसानी से तोड़ा नहीं जा सकता है। इसके अलावा किसान जब चूना में असली डीएपी को आपस में मिलकर रगड़ने या मसलने पर तेज गंध आता है। जो कि असली डीएपी खाद का पहचान है।
कृषि अधिकारियों के माने तो किसानों को किसी भी तरह का खाद उर्वरक खरीद करते समय प्रमाणित और पंजीकृत दुकानों से लेना चाहिए। इसके अलावा जब उर्वरक खरीद करते समय पीओएस (POS) मशीन से करते हैं तो फिर अंगूठा लगाकर रसीद जरूर लें लेना चाहिए।