Delhi Rain Alert : राजधानी दिल्ली में बीते कुछ दिनों से झमाझम बारिश देखने को मिल रही है। दिल्ली में बारिश का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली में इस झमाझम बारिश के बाद अब यमुना ने भी लोगों की टेंशन को बढ़ा दिया है। इस दौरान दिल्ली एनसीआर (Delhi Rain Alert ) में आने वाले दिनों में बाढ़ का संकट मंडराया हुआ है। आइए खबर में जानते हैं इस बारे में।
सितंबर का महीना लग चुका है ओर अभी भी देश के कई हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी है। कई राज्यों में तो तगड़ी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।अब राजधानी दिल्ली के बाद यमुना ने भी लोगों की टेंशन को बढ़ा दिया है। यमुना के बढ़ते जलस्तर ने बाढ़ जैसे हालात बना दिए हैं। आइए खबर में जानते हैं किन राज्यों में बाढ़ का खतरा (Flood risk In yamuna) मंडरा रहा है।
हथिनीकुंड बैराज का बढ़ा जलस्तर
हथिनीकुंड बैराज (Hathinikund Barrage) से बीते दिनों हर घंटे औसतन 3 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। माना जा रहा है आज शाम तक यमुना का जलस्तर खतरे का निशान पार कर जाएगा। पहाड़ों और मैदानी इलाकों में झमाझम बारिश से बीते दिनों यमुना नदी पर बने हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर (Water level of Hathinikund) सबसे ऊपर आ गया है।
ऐसे इस सीजन में पहली बार हुआ है, जहां जलस्तर 3,31,653 क्यूसेक पर पहुंच गया। इसके लिए बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। यहां पानी तेजी से दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। दिल्ली में बाढ़ के हालात को देखते हुए चेतावनी जारी करते हुए यमुना नदी से सटे इलाकों में रहने वालों को अलर्ट किया है।इस बार करीब 2.29 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
प्रशासन ने बताई पूरी बात
प्रशासन का कहना है कि आज शाम 5 बजे तक यमुना का जलस्तर 206 मीटर के पार जा सकता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली में यमुना का जलस्तर (Yamuna water level in Delhi) 207 मीटर या उससे भी ऊपर जाने के आसार जताए हैं। सीएम का कहना है कि दिल्ली में जितना पानी पहुंचेगा, उसी हिसाब से अनुपातनुसार में पानी आगे छोड़ा जाएगा। उनका कहना है कि यमुना बाढ़ क्षेत्र में निश्चित रूप से पानी बढ़ेगा, लेकिन इस दौरान शहर बाढ़ से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।
बीते दिनों भी शाम 5 बजे पुराने रेलवे पुल के पास जलस्तर (water level near railway bridge) 204.94 मीटर दर्ज रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में खतरे का निशान 205.33 मीटर है। अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ने के बाद दिल्ली में यमुना का स्तर खूब बढ़ा है।
2023 में टूटा जलस्तर का रिकॉर्ड
साल 2023 में 10 जुलाई को यमुना का जलस्तर (water level of yamuna) 205.10 मीटर पर आ गया था। ऐसे में अब हथिनीकुंड बैराज से 2,15,677 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के अगले दिन 11 को ही दिल्ली में बाढ़ का आक्रोश देखा गया था। उस समय में यमुना का जलस्तर सुबह 10 बजे ही 206.34 मीटर क्रॉस कर गया था।
बता दें कि 11 जुलाई को 3,44,035 क्यूसेक पानी हथिनीकुंड बैराज छोड़ा गया, जिसके चलते 12 जुलाई को यमुना का जलस्तर (Yamuna water level in July) 207.38 मीटर पर आ गया था और 13 जुलाई को दिल्ली में बाढ़ का 45 साल का रिकार्ड टूट गया था। उस समय में दिल्ली में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था।
कंट्रोल में हैं स्थिती
2023 में बाढ़ के समय में आईटीओ बैराज के चार गेट जाम थे, जिन्हे बाढ़ के बाद भारी मुश्किलों से खोला गया था हाल ही में अब इस साल बैराज को लेकर ऐसी कोई स्थिति नहीं है। यमुना के सारे बैराज के सभी गेट (gates of barrage) खोले दिए गए हैं। सरकार का कहना है कि अभी तो स्थिति कंट्रोल में है।
हथिनीकुंड बैराज में हर घंटे छोड़ा गया इतना पानी
सुबह 04:00 हथिनीकुंड बैराज से 165,514 क्यूसेक पानी छोड़ा (cusecs of water from Hathinikund barrage) गया है और उसके बाद सुबह 05:00 बजे 210,361 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं, सुबह 06:00 बजे 238,751 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके साथ ही सुबह 07:00 बजे 272,645 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
वहीं, सुबह 08:00 बजे 311,032 क्यूसेक पानी, सुबह 09:00 बजे 329,313 क्यूसेक पानी और सुबह 10:00 बजे 321,653 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके साथ ही दोपहर 01:00 बजे 322,416 क्यूसेक पानी छोड़ा और दोपहर 02:00 बजे 303,519 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शाम की बात करें तो शाम 03:00 बजे 296,810 क्यूसेक पानी और शाम 04:00 बजे 293,840 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
अब तक कितनी बार आ चुकी बाढ़
1963 में बारिश (Delhi Flood Risk) के चलते 205.40 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया था और 1978 में बारिश के चलते 207.49 मीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।वहीं, 2010 में 207.11 मीटर जलस्तर हो गया था उसके बाद 2013 में 207.32 मीटर बारिश रिकॉर्ड की गई और 2023 में 208.66 मीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
2023 में बाढ़ में बह गया था घरेलू सामान
बता दें कि 2023 में यमुना का पानी कश्मीरी गेट (Yamuna water Kashmiri Gate) आईएसबीटी के परिसर तक पहुंच गया था। उस समय में आउटर रिंग रोड पर रेलवे अंडरपास था, इस वजह से रूट से आना जाना बंद हो गया था। उस समय में यमुना बाजार, एमनेस्टी मार्केट सब डूबे हुए थे, जिनमे सबसे ज्यादा नुकसान यमुना खादर इलाके में हुआ था। लोगों को इस दौरान खूब परेशानियों का सामना करना पड़ा था और लोगों के घरेलू सामान बाढ़ में बह गए थे।
गंभीर हुई कई इलाकों में स्थिती
उस समय में लोग अपने पालतू पशुओं को नदी से नहीं निकाल पाए थे। इस दौरान तकरीबन 3000 से अधिक लोगों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर सुरक्षित निकाला गया। तकरीबन महीने भर लोगों का बाढ़ से जनजीवन प्रभावित रहा। इस बार भी यमुना का जलस्तर (water level of yamuna) इतना बढ़ गया कि कई इलाकों में स्थिति गंभीर हो सकती है।
बाढ़ के खतरे से निपटान के लिए सरकार तैयार
जिस हिसाब से यमुना में बाढ़ के खतरे की आशंका बनी हुई है, उस हिसाब से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Chief Minister Rekha Gupta) का कहना है कि दिल्ली सरकार और बाढ़ से जुड़े सभी विभाग पूरी तरह निगरानी कर रहे हैं। जो भी परिस्थिती बनी हुई है, उसकी लगातार निगरानी की जा रही है। तो ऐसे में किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि यमुना (yamuna Flood Risk)के निचले हिस्से में जो लोग बसे हैं, उनसे अपील की है कि वे सतर्क रहे और प्रशासन के निर्देशों का ठीक प्रकार से पालन करें।
अधिकारी ले रहे हर घंटे की रिपोर्ट
मुख्यमंत्री का कहना है कि हथिनी कुंड बैराज (Hathini Kund Barrage) से जितना पानी छोड़ा गया है, उससे यही लग रहा है किइस बार जलस्तर 207 मीटर या उससे थोड़ा ऊपर तक जाने के आसार है। हालांकि अभी फिलहाल स्थिति काबू में है। मुख्यमंत्री ने नागरिकों को आश्वस्त दिया है कि सरकार उनकी सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और अधिकारियों की ओर से हर घंटे की रिपोर्ट ली जा रही हैं। सीएम का कहना है कि बाढ़ से जुड़ी जैसे ही कोई समस्या आती है तो उसपर तुरंत एक्शन लिया जाएगा।
दिल्लीवासियों को अलर्ट रहने की अपील
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री (Minister of Irrigation and Flood Control) प्रवेश का कहना है कि हथिनीकुंड बैराज से तीन लाख क्यूसेक से जो अधिक पानी छोड़ा गया है, वो पानी 36-48 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा। जिससे राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इसके चलते सभी सेक्टर अधिकारियों, जिला प्रशासन और पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। तटबंधों पर पूरे दिन गश्त शुरू हो गई है और इस दौरान रेगुलेटरों व पंपों की निगरानी की जा रही है।
निचले इलाकों में जो लोग रह रहे हैं, उनको सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है। इस दौरान मंत्री ने दिल्लीवासियों को अलर्ट (Flood Risk In Delhi) रहने और प्रशासन का पूरा सहयोग करने की अपील की है। इस दौरान बाढ़ से बचाव के लिए कई जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।