Delhi New Ring Road : देश की राजधानी दिल्ली घनी आबादी वाला महानगर है। ऐसे में यहां पर ट्रैफिक जाम के दबाव को कम करने के लिए सरकार लगातार सड़कों का जाज बिछा रही है। राजधानी में कई टू लेन सड़के बनाई जा रही हैं। वहीं, कई हाईवे का निर्माण किया गया है। हाल ही रिपोर्ट सामने आई है अब दिल्ली में एक और नया रिंग रोड बनने जा रहा है। इस रिंग रोड को बनाने के लिए 10850 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। चलिए जानते हैं इसके बनने से कितने जिलों को फायदा होगा।
देश की राजधानी दिल्ली की हर राज्य के साथ सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार हाईवे और एक्सप्रेसवे का जाल बिछा रही है। इससे न केवल सफर आसान हुआ है इसके साथ ही राजधानी की आर्थिक गतिविधियां भी तेज हुई है और रोजगार के रास्ते खुले हैं।
इन एक्सप्रेसवे (Delhi Expressway) और हाईवे के किनारे कई बड़ी कंपनियों ने उद्योग स्थापित किए हैं। इसके अलावा सरकार द्वारा एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे कई नए शहर बसाए जा चुके हैं और कई बड़ी परियोजनओं पर अभी काम चल रहा है। इसी बीच दिल्ली वालों के लिए गुड न्यूज है। अब दिल्ली में एक और नया छह लेन रिंग रोड (new ring road) बनने वाला है।
सरकार दिल्ली में अब 6 लेन वाला एक नया तीसरा रिंग रोड (delhi new ring road) बनाने की तैयारी कर रही है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बीच रिंग रोड बनाने को लेकर बातचीत हुई है, जिसके बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने एक नया प्लान तैयार किया है।
बता दें कि दिल्ली में नया रिंग रोड (Delhi New Ring Road Update) बढ़ते जाम को कम करने के उद्देशय से बनाया जा रहा है। इसके बनकर तैयार होने के बाद दिल्ली की कई सड़कों पर ट्रैफिक जाम कम हो जाएगा। इसके अलावा, एक शहर से दूसरे शहर तक जाने का सफर आसान होगा और भारी वाहनों को एक नया रास्ता मिलेगा।
रिंग रोड के बनने से इन राज्यों को मिलेगा फायदा?
बता दें नया रिंग रोड (New Ring Road Update) दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा को एक दूसरे से जोड़ेगा। जिससे उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली और हरियाणा तक के कई शहरों की सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इन तीनों ही राज्यों और आसपास के इलाकों को नए रिंग रोड का फायदा मिलेगा।
जब से इस रिंग रोड से इन तीन बड़े राज्यों को जोड़ने की बात की जा रही है। तभी से ही लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सबसे पहला सवाल तो यह है कि इस रिंग रोड से इन तीन राज्यों के किन-किन शहरों को बेहद एक्सक्लूसिव कनेक्टिविटी मिलेगी।
रिंग रोड के बनने से इन शहरों को मिलेगा सीधा फायदा –
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, नए रिंग रोड (New Ring Road News) दो चरणों में तैयार किया जाएगा। पहला उत्तरी दिल्ली के अलीपुर से शुरू होगा और गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी से होते दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पास मंडुला के पास कनेक्ट होगा। दूसरे चरण में यह हाईवे मंडुला से शुरू होकर घिटोरा और फारुखनगर से होते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) से कनेक्ट होगा। यह नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर जाकर खत्म होगा।
सिर्फ इतना ही नहीं यह रिंग रोड हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के बीच चलने वाले यातायात को डायवर्ट करेगा, जिससे एनएच-48, एनएच-44, रिंग रोड और बारापुला कॉरिडोर पर भी ट्रैफिक का दबाव कम होगा। इस रिंग रोड के बनने के बाद उन वाहनों को दूसरे शहरों के साथ कनेक्टिविटी दी जाएगी जो पहले दिल्ली से होकर निकलते थे।
NHAI की रिपोर्ट के अनुसार, इस रिंग रोड में दूसरे चरण में बनने वाला एक हाईवे गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के कुछ इलाकों के बीच से होता हुआ निकलेगा। जिसकी वजह से यह हाई-स्पीड बाईपास (Delhi-High-Speed Bypass) के रूप में काम करेगा। इस हाईवे के बनने से कालिंदी कुंज, सराय काले खां और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जाम से छुटकारा मिलेगा। वहीं बागपत, लोनी, गाजियाबाद समेत कई शहरों को एक साथ कनेक्ट किया जाएगा। जिससे आउटर रिंग रोड पर भी भीड़ का दबाव कम होगा।
रिंग रोड बनाने के लिए खर्च किए जाएंगे इतने पैसे?
NHAI की एक रिपोर्ट में पता चला है कि इस प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण के तहत 17 किलोमीटर की दूरी को 3350 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। जो कि यूईआर-2 को ट्रोनिका सिटी के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस के पास कनेक्ट होगा।
रिंग रोड को तैयार करने में इतनी आएगी कुल लागत?
बता दें कि दूसरे चरण में 65 किलोमीटर लंबे हाईवे को बनाया जाएगा। जो कि मंडुला से शुरू होकर गाजियाबाद, घिटोरा, फारुखनगर, हिडन और इंदिरापुरम होते हुए नोएडा तक जाएगा। इस दूसरे चरण की लागत 7500 करोड़ होगी। इन दोनों हाईवे की कुल लंबाई 82 किलोमीटर होगी, जिसकी कुल लागत 10850 करोड़ रुपये आएगी।