केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक मीडिया कार्यक्रम में टोल टैक्स कलेक्शन के मुद्दे पर चर्चा हुई. उन्होंने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि कैसे सरकार को कई तरह के खर्च उठाने पड़ते हैं जिसके लिए टोल कलेक्शन जरूरी हो जाता है.
राजस्थान के टोल प्लाजा की आय
गडकरी ने बताया कि राजस्थान में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर स्थित एक टोल प्लाजा ने अब तक लगभग 8 हजार करोड़ आए हैं जबकि उस हाईवे को बनाने में मात्र 1900 करोड़ रुपये का खर्च आया था. इससे जनता के बीच अलग अलग प्रकार के प्रश्न उठे हैं.
टोल टैक्स के वित्तीय पहलुओं पर चर्चा
मंत्री ने समझाया कि टोल टैक्स कलेक्शन कोई एक दिन का काम नहीं है और इसमें समय के साथ बहुत सारे खर्चे जुड़े होते हैं. उन्होंने इसे लोन पर घर खरीदने के प्रक्रिया से तुलना की जहां मूल कीमत के अलावा ब्याज और अन्य खर्चे भी जुड़े होते हैं.
सड़क परियोजनाओं में आई चुनौतियां
गडकरी ने यह भी बताया कि दिल्ली-जयपुर हाईवे परियोजना में अनेक चुनौतियाँ आईं, जिनमें ठेकेदारों का भाग जाना और कोर्ट केस शामिल थे. इसके बाद नए ठेकेदारों को लाना और उनके साथ काम करना एक बड़ी प्रक्रिया रही.
भविष्य की योजनाएं और सड़क सुरक्षा
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य मार्च तक 3 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को पूरा करना है. इसके लिए कई नई सड़क परियोजनाएं और सुरक्षा उपाय भी शामिल हैं