Delhi NCR Construction Rules : देश के बड़े महानगरों में सरकार द्वारा घर बनाने के कुछ नियम तय किए गए हैं। इन नियमों के दायरे में रहते हुए ही घर का निर्माण किया जा सकता है। इसी क्रम में दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। एनसीआर में घर बनाने के नियमों में बदलाव हुआ है। अब एनसीआर में 6 मंजिल से ऊपर बिल्डिंग नहीं बना पाएंगे। अगर आप एनसीआर में घर, मॉल या दुकान कई मंजिला बनाने की योजना बना रहे हैं तो नए नियमों के बारे में जरूर जान लें।
दिल्ली से सटा एनसीआर तेजी से विकसित हो रहा है। देश की कई बड़ी कंपनियां यहां पर अपना कारोबार चला रही है और बड़ी बड़ी कंपनियों के ऑफिस मौजूद हैं। एनसीआर में रियल एस्टेट भी तेजी से ग्रोथ कर रहा है।
ऐसे में एनसीआर ने निवेशकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। इसके अलावा, लग्जरी और हाइटेक सुविधाओं से लेस आवासिय सुविधा के लिए भी काफी मशहूर है। अगर आप एनसीआर (NCR Construction Rules) में घर-मकान या दुकान बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो अब सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है।
नहीं बना पाएंगे 6 मंजिला बिल्डिंग –
जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) बनाया जा रहा है। ऐसे में सरकार ने इसके आसपास लगने वाले इलाकों में कंस्ट्रक्शन नियमों में बदलाव किया गया है। दरअसल, एयरपोर्ट के 20 किलोमीटर के दायरे में अब ऊंची बिल्डिंग नहीं बना सकते हैं।
इसका सरकार ने एक सीमित दायरा तय कर दिया है। एयरपोर्ट के 4 किलोमीटर के दायरे में अब 6 मंजिल से ज्यादा बिल्डिंग का निर्माण (Construction Rules) नहीं किया जा सकेगा। सिर्फ छह मंजिल तक बिल्डिंग बनाने की अनुमति है। इसी तरह आगे की दूरी के अनुसार ऊंचाई तय की गई है। इसके साथ ही एयरपोर्ट के आसपास मोबाइल टावर भी नहीं लग सकेंगे।
5 जोन में बांटा गया एयरपोर्ट –
एयरपोर्ट के आसपास का क्षेत्र पांच जोन में बांटा गया है। इसके अनुसार ही कंस्ट्रक्शन निर्माण (Construction Rules) के कार्यों को लेकर ऊंचाई की सीमा तय की गई है। नोएडा एयरपोर्ट के आसपास एएआई (AAI) द्वारा जारी कलर कोडेड जोनिंग मैप के अनुसार घर- मकान, मॉल, दुकान आदि को तय की गई ऊंचाई तक ही बना सकते हैं। खास बात यह है कि यमुना प्राधिकरण भी आवंटियों का मैप के मुताबिक ही नक्शा पास कर रही है। एयरपोर्ट के 20 किलोमीटर के दायरे में निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
एयरपोर्ट के पास नहीं लगा सकेंगे मोबाइल टावर –
नोएडा एयरपोर्ट (Noida Airport) के चारों तरफ निकाली गई दीवार के एक किलोमीटर तक सड़क और रेलवे लाइन ही निकाली जाएंगी। इसके अलावा यहां पर मोबाइल टावर (mobile tower) नहीं लगा सकते हैं। रनवे के दोनों सिरे टेकऑफ और लैंडिंग क्षेत्र के करीब 1.5 किलोमीटर दायरे में हाईटेंशन बिजली की लाइन भी प्रतिबंधित है।
ताजा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) से सितंबर महीने के बाद से फ्लाइट उड़ानें जारी होंगी। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (Baakas) की टीम एयरपोर्ट का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर चुकी है।
ऐसे में प्रथम चरण के तहत 1,334 हेक्टेयर में विकसित हो रहे एयरपोर्ट के संचालन के लिए सख्त नियम (Airport rule) बनाए गए हैं, ताकि उड़ान सुरक्षा में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो सके।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (Noida International Airport Limited) के ओसडी शैलेंद्र भाटिया के मुताबिक, एएआई ने इस संबंध में कलर कोडेड जोनिंग मैप जारी किया हुआ है। एयरपोर्ट के आसपास कितनी उंचाई पर बिल्डिंग को बनाया जाए। इन सभी नियमों के तय होने के बाद ही एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र डेवलेप होंगे।
हाल ही में सामने आई ताजा रिपोर्ट में पता चला है कि जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) समुद्र तल से औसत 200 मीटर ऊंचाई पर है। नियमों के तहत प्रथम चरण में 1,334 हेक्टेयर में दो रनवे तैयार किए गए हैं। इन रनवे पर कुछ ही महीनों बाद फ्लाइट उड़ान भरेगी। एयरपोर्ट पर 3900 मीटर लंबा पहला रनवे तैयार हो चुका है, 4150 मीटर लंबा रनवे पर अभी काम चल रहा है। एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद दिल्ली एनसीआर के विकास को पंख लग जाएंगे।