Delhi Wealthiest Persons list – दिल्ली एक महानगरीय केंद्र है जो राजनीति और व्यापार का मिश्रण है. जहां कुछ लोग विरासत में धन पाते हैं, जबकि अन्य इसे कड़ी मेहनत से बनाते हैं. लुटियंस की भव्य गलियों से लेकर गुरुग्राम और नोएडा के आधुनिक कार्यालयों तक, यह शहर सफल उद्योगपतियों, उद्यमियों और पारिवारिक व्यवसायों से भरा है…आइए नीचे खबर में जानते है टाॅप 10 उद्योगपतियों के बारे में-
दिल्ली एक महानगरीय केंद्र है जो राजनीति और व्यापार का मिश्रण है. यह भारत की राजधानी है, जहां कुछ लोग विरासत में धन पाते हैं, जबकि अन्य इसे कड़ी मेहनत से बनाते हैं. लुटियंस की भव्य गलियों से लेकर गुरुग्राम और नोएडा के आधुनिक कार्यालयों तक, यह शहर सफल उद्योगपतियों, उद्यमियों और पारिवारिक व्यवसायों से भरा है.
फोर्ब्स के अनुसार, दिल्ली में भारत के कुछ सबसे धनी लोग रहते हैं, जिनमें एचसीएल के शिव नादर और भारती एयरटेल के सुनील मित्तल शामिल हैं. डाबर के बर्मन और इंडिगो के भाटिया परिवार भी यहीं से हैं. ये अरबपति बताते हैं कि दिल्ली पुराने पारिवारिक व्यवसायों के साथ-साथ नई और आधुनिक कंपनियों का भी केंद्र है.
शहर की मजबूत अर्थव्यवस्था इसके कर संग्रह में भी देखी जा सकती है. अगस्त 2025 में, दिल्ली ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स में 5,725 करोड़ रुपये का संग्रह किया, जैसा कि सोमवार को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया. अब, आइए उन अरबपतियों पर नजर डालते हैं जो दिल्ली को अपना घर कहते हैं और जिन्होंने भारत और दुनिया में बड़ा नाम कमाया है.
शिव नादर-
1976 में, शिव नादर ने दोस्तों के साथ HCL की शुरुआत एक गैरेज में की थी, जहाँ वे माइक्रोप्रोसेसर और कैलकुलेटर बनाते थे. आज, HCL भारत की प्रमुख IT कंपनियों में से एक है, जिसकी आय $13.4 बिलियन से अधिक है. 2020 में, उन्होंने कंपनी की बागडोर अपनी बेटी, रोशनी नादर मल्होत्रा को सौंपी. वे वर्तमान में एक सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. मार्च 2025 में, उन्होंने उत्तराधिकार योजना के तहत अपने शेयरों का एक बड़ा हिस्सा भी उन्हें हस्तांतरित किया.
सुनील मित्तल और परिवार-
सुनील मित्तल (Sunil Mittal) के स्वामित्व वाली भारती एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया के साथ प्रतिस्पर्धा करती है और एशिया और अफ्रीका में 550 मिलियन से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है. साल 2022 में गूगल ने एयरटेल में $1 बिलियन का निवेश किया. उनका परिवार वनवेब, एक सैटेलाइट कंपनी, का भी सपोर्ट करता है, जिसे फ्रांस की यूटेलसैट के साथ विलय किया गया था.
रवि जयपुरिया-
भारत के कोला किंग के रूप में पहचान बनाने वाले रवि जयपुरिया (Ravi Jaipuria) ने पेप्सी बॉटलिंग और केएफसी और पिज्जा हट जैसे फास्ट-फूड (fastfood) चेन के साथ अपनी संपत्ति बनाई. सन 1980 के दशक में एक छोटे से प्लांट से शुरू होकर, यह एक विशाल साम्राज्य में बदल गया, जिसका शिखर उनकी कंपनी, देवयानी इंटरनेशनल, का 2021 में सार्वजनिक होना था.
बर्मन परिवार-
डाबर के मालिक बर्मन परिवार की संपत्ति $10.4 बिलियन है. डाबर की स्थापना 1884 में एस के बर्मन ने कोलकाता में आयुर्वेदिक दवाएं बनाने के लिए की थी. परिवार रेस्तरां, स्वास्थ्य सेवा और बीमा जैसे क्षेत्रों में भी निवेश करता है. अब यह व्यवसाय, परिवार की पांचवीं पीढ़ी चला रही है, जिसमें मोहित बर्मन अध्यक्ष और उनके चचेरे भाई साकेत बर्मन उपाध्यक्ष हैं.
कपिल और राहुल भाटिया-
कपिल और राहुल भाटिया (Rahul bhatia) इंटरग्लोब एविएशन चलाते हैं. इनकी संपत्ति $10.1 बिलियन है. भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के ये मालिक हैं. इसका बाजार में 61 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है. 2022 में सह-संस्थापक राकेश गंगवाल से अलग होने के बाद, परिवार ने मूविन (यूपीएस के साथ लॉजिस्टिक्स) और अलोनओएस (एआई) जैसे नए उपक्रमों में विस्तार किया.
विनोद और अनिल राय गुप्ता और परिवार –
विनोद और अनिल राय गुप्ता (Anil Rai Gupta) अपनी संपत्ति का श्रेय हैवेल्स इंडिया को देते हैं, जिसकी स्थापना 1958 में किमत राय गुप्ता ने की थी. अब अनिल द्वारा संचालित, कंपनी पंखे, लाइट और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण बनाती है, 15 फैक्ट्रियों का संचालन करती है, 70 से अधिक देशों में बेचती है और सौरव गांगुली, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह जैसे सितारों को ब्रांड चेहरों के रूप में पेश करती है. इनकी नेटवर्थ $9.5 बिलियन है.
विवेक चांद सहगल और परिवार –
विवेक चांद सहगल (Vivek Chand Sehgal) ने 1975 में अपनी मां के साथ $23 बिलियन की मथरसन ग्रुप की स्थापना की थी. उनकी मुख्य संपत्ति ऑटो पार्ट्स निर्माता समवर्धना मथरसन इंटरनेशनल से आती है, जो BMW, Ford, Mercedes, Toyota, और Volkswagen जैसी ब्रांड्स को सप्लाई करती है. साल 2022 में, उन्होंने वायरिंग बिजनेस को एक अलग कंपनी में बदल दिया. उनके बेटे, लक्ष वामन सहगल भी बोर्ड में शामिल हैं.
विक्रम लाल और परिवार –
विक्रम लाल की कंपनी आइशर मोटर्स प्रसिद्ध रॉयल एनफील्ड बाइक्स बनाती है, जिसने 2024 में 9 लाख से अधिक बाइक्स बेचीं. उनके बेटे सिद्धार्थ कंपनी के एमडी हैं. आइशर मोटर्स वोल्वो के साथ मिलकर ट्रक और बसें भी बनाती है और यह बिजनेस 1948 में उनके पिता की ट्रैक्टर शॉप से शुरू हुआ था. इनकी नेटवर्थ $8.8 बिलियन है.
कुलदीप सिंह और गुरबचन सिंह ढींगरा –
भाई कुलदीप सिंह और गुरबचन सिंह ढींगरा (Gurbachan Singh Dhingra) बर्जर पेंट्स इंडिया के मालिक हैं, जो देश की दूसरी सबसे बड़ी पेंट कंपनी है. उन्होंने इसे 1991 में विजय माल्या से खरीदा था. आज, बर्जर न केवल भारत में बल्कि बांग्लादेश, नेपाल (Nepal), पोलैंड और रूस में भी काम करती है. कुलदीप अब चेयरमैन एमेरिटस के रूप में सेवा दे रहे हैं, उनकी बेटी रिशमा कौर चेयरपर्सन हैं, जबकि गुरबचन वाइस-चेयरमैन एमेरिटस हैं और उनके बेटे कंवरदीप वाइस-चेयरमैन हैं. इनकी नेटवर्थ $7.5 बिलियन है.
रमेश और राजीव जुनेजा और परिवार –
भाई रमेश और राजीव जुनेजा (Rajeev Juneja) ने 1995 में मैनकाइंड फार्मा की शुरुआत की, जो सस्ती दवाएं और लोकप्रिय स्वास्थ्य उत्पाद बनाती है. कंपनी 2023 में पब्लिक हो गई, और अब उनके बेटे अर्जुन और चाणक्य इसे चलाने में मदद करते हैं. इनकी नेटवर्थ $7 बिलियन है.