Dhanteras 2024: सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। इस माह के कृष्ण पक्ष में करवा चौथ, अहोई अष्टमी, रमा एकादशी, धनतेरस, नरक चतुर्दशी और दिवाली मनाई जाती है।
Dhanteras 2024: सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। इस माह के कृष्ण पक्ष में करवा चौथ, अहोई अष्टमी, रमा एकादशी, धनतेरस, नरक चतुर्दशी और दिवाली मनाई जाती है। जबकि, शुक्ल पक्ष में गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह मनाया जाता है। इसके अलावा मासिक दुर्गाष्टमी, कालाष्टमी और मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है। इसके अलावा मासिक दुर्गाष्टमी, कालाष्टमी और मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है। इनमें से धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन सोने या चांदी से बने आभूषण खरीदे जाते हैं। इसके अलावा तांबे और कांसे से बने बर्तन भी खरीदे जाते हैं। अगर आप भी धनतेरस के दिन खरीदारी करने की योजना बना रहे हैं, तो खरीदारी का शुभ मुहूर्त जरूर नोट कर लें। अगर आप अशुभ समय या राहुकाल में खरीदारी करते हैं तो इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं खरीदारी के लिए शुभ और अशुभ समय-
धनतेरस तिथि और शुभ मुहूर्त Dhanteras Date And Shubh Muhurt
वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 मिनट शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 01:15 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल शाम 05:38 मिनट से रात 08:13 मिनट तक है। इस दौरान आप माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा कर सकते हैं। धनतेरस के दिन वृषभ काल शाम 06:31 मिनट से रात 08:27 मिनट तक है। इस दौरान माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धन की कमी नहीं होती है।
कब खरीदारी न करें Kab Kharidari Na Kare
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि धनतेरस पर राहु काल दोपहर 02:51 मिनट से शाम 04:15 मिनट तक है। इस दौरान खरीदारी न करें। राहु काल में खरीदारी करने से शुभ फल नहीं मिलते हैं। साथ ही इसका व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। वहीं गुलिक काल दोपहर 12:05 मिनट से दोपहर 01:28 मिनट तक है। धनतेरस पर गुलिक और राहु काल में खरीदारी न करें। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो जीवन पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
पंचांग Panchang
सूर्योदय – प्रातः 06:31 मिनट पर
सूर्यास्त – सायं 05:38 मिनट पर
चन्द्रोदय – प्रातः 04:27 मिनट पर
चन्द्रास्त – सायं 03:57 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04:48मिनट से प्रातः 05:40 मिनट तक
विजय मुहूर्त – प्रातः 01:56 मिनट से दोपहर 02:40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – सायं 05:38मिनट से सायं 06:04 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजे से प्रातः 39 बजे से 12:31मिनट तक