Dhanteras 2024: धनतेरस हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है, जिसे हर साल बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लोग धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी, धन्वंतरि जी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। इस त्योहार को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, तो आइए जानते हैं इस त्योहार की सही तिथि, पूजा का समय और नियम, जो इस प्रकार हैं।
धनतेरस 2024 कब है? Kab Hai Dhanteras 2024
वैदिक कैलेंडर के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10:31 बजे शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 01:15 मिनट होगा। पंचांग के आधार पर, इस वर्ष धनतेरस का त्योहार मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
धनतेरस पूजा मुहूर्त Dhanteras Pooja Ka Shubh Muhurt
शाम 06:30 मिनट से रात 08:12 मिनट तक।
धनतेरस पूजन नियम Dhanteras Pooja Niyam
सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
घर और मंदिर की अच्छी तरह से सफाई करें।
अपने घर को दीपों और फूलों की मालाओं से सजाएं।
पूजा के मुहूर्त में भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की मूर्ति स्थापित करें।
देसी घी का दीपक जलाएं।
चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं।
फूलों और फलों, मिठाइयों आदि की माला चढ़ाएं।
शुभ मुहूर्त में कोई भी वस्तु खरीदें और उस वस्तु को भगवान के सामने रखकर तिलक और धूपबत्ती से पूजा करें।
शाम को घर के बाहर दक्षिण-पश्चिम दिशा में दीपक जलाएं और यमराज जी को अर्पित करें।
धनतेरस का महत्व Dhanteras Pooja Ka Mahatv
धनतेरस का महत्व इस बात में निहित है कि इस दिन घर में नए बर्तन, सोना, चांदी और अन्य कीमती सामान खरीदने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है। भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से व्यक्ति के स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।
धनतेरस के दिन स्वास्थ्य और समृद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस दिन कई लोग धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा भी करते हैं, ताकि घर में समृद्धि और शांति बनी रहे। इसके साथ ही इस दिन गाय के गोबर से बने गड्ढे में दीया जलाने की भी परंपरा है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। धनतेरस पर लोग नए कपड़े और सजावट का सामान खरीदते हैं। दुकानदार भी इस दिन विशेष छूट और ऑफर देते हैं।
कुल मिलाकर धनतेरस सिर्फ धन कमाने का दिन नहीं है, बल्कि यह परिवार के साथ समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति की कामना करने का दिन भी है। इस दिन विशेष पूजा और खरीदारी से न सिर्फ भौतिक बल्कि आध्यात्मिक समृद्धि भी मिलती है।