Distance Based Toll: गंगा एक्सप्रेसवे पर टोल वसूली को लेकर अब तस्वीर पूरी तरह साफ हो चुकी है. उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे खंड पर अब ‘जितनी दूरी, उतना टोल’ की नीति लागू होगी. इसका मतलब है कि आप जहां से एक्सप्रेसवे में प्रवेश करेंगे और जहां से बाहर निकलेंगे. उसी के आधार पर टोल का निर्धारण होगा.
अब टोल को लेकर नहीं रहेगी कोई उलझन
अगर कोई वाहन चालक लहरावन (संभल) से प्रवेश करता है और खिरनी गेट से बाहर निकलता है, तो उसे लगभग 24 किमी के सफर का ही टोल देना होगा. यह प्रणाली पूरी तरह दूरी आधारित होगी. जिससे कम दूरी वाले यात्रियों को ज्यादा शुल्क नहीं देना पड़ेगा.
संभल जिले में दो मुख्य इंटरचेंजिंग पॉइंट
गंगा एक्सप्रेसवे का लगभग 38 किमी भाग संभल जिले से होकर गुजरेगा. यहां दो प्रमुख इंटरचेंजिंग पॉइंट होंगे:
- लहरावन (बहजोई के समीप)
- खिरनी (संभल क्षेत्र में)
इन दोनों जगहों पर प्रवेश और निकासी द्वार बन रहे हैं, जिन पर रैंप टोल बूथ स्थापित किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त एक्सप्रेसवे के दोनों ओर फ्री सर्विस लेन भी बनाई जा रही है. जिसका उपयोग स्थानीय वाहन बिना शुल्क कर सकेंगे.
निर्माण कार्य 90% पूर्ण, अगस्त 2025 तक चालू होने की उम्मीद
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है. यूपीईडा के अनुसार, इसे अब अगस्त 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा और सितंबर 2025 से आम जनता के लिए खोला जा सकता है. पहले यह लक्ष्य दिसंबर 2024 का था. लेकिन NCR क्षेत्रों में लागू GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के चलते देरी हुई.
छह लेन से शुरू, भविष्य में आठ लेन तक विस्तार
एक्सप्रेसवे को फिलहाल छह लेन में शुरू किया जाएगा. जिसे आगे चलकर आठ लेन तक विस्तारित किया जाएगा. गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है और हर 30 किमी पर पुलिस सहायता चौकी और CCTV निगरानी की व्यवस्था भी की जा रही है.
दो मुख्य टोल प्लाजा और 15 रैंप प्लाजा होंगे
गंगा एक्सप्रेसवे पर दो मुख्य टोल प्लाजा के अलावा 15 रैंप टोल प्लाजा बनाए जाएंगे. ये प्लाजा उन जगहों पर होंगे जहां से वाहन एक्सप्रेसवे में प्रवेश या निकासी करते हैं. इसके अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए फूड कोर्ट, शौचालय, विश्रामगृह जैसी सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं.
मेरठ से प्रयागराज तक 6–7 घंटे में सफर
एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद मेरठ से प्रयागराज की दूरी महज 6 से 7 घंटे में तय की जा सकेगी, जो अभी 12–14 घंटे लगते हैं. यह मार्ग उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा. जिनमें संभल भी एक अहम बिंदु है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचना होगा आसान
संभल या बहजोई से प्रयागराज जाने का कोई सीधा मार्ग अभी नहीं है. गंगा एक्सप्रेसवे के बन जाने से यह दूरी काफी कम हो जाएगी और इलाहाबाद हाईकोर्ट व सरकारी कार्यों के लिए आवागमन सुगम और सस्ता हो जाएगा.
टोल दरें वाहन श्रेणी के अनुसार तय होंगी
कार, बस, ट्रक और हल्के कमर्शियल वाहनों के लिए अलग-अलग टोल दरें तय की जाएंगी. यह दरें दूरी और वाहन के प्रकार पर निर्भर होंगी.
एक्सप्रेसवे से सुरक्षा और कनेक्टिविटी में होगा बड़ा सुधार
एक्सप्रेसवे मुरादाबाद-बुलंदशहर स्टेट हाईवे और आगरा-मुरादाबाद नेशनल हाईवे से जुड़ रहा है. इससे पूरे क्षेत्र की कनेक्टिविटी बेहतर होगी. रेलवे ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है और इंटरचेंजिंग पॉइंट्स पर काम तेज गति से जारी है. अधिशासी अभियंता राजेश कुमार मोगा ने जानकारी दी कि फिनिशिंग कार्य अंतिम चरण में है और पूरा स्टाफ अब एक्सप्रेसवे से ही मेरठ व संभल के बीच यात्रा कर रहा है.