DMRC Updates : दिल्ली में भीड़भाड़ को देखते हुए और लोगों को जाम से राहत दिलाने के लिए DMRC की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। डीएमआरसी के तहत दिल्ली मेट्रो के लिए नए फीचर का परिक्षण किया जाने वाला है। इस नए फीचर के परिक्षण से दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro Updates) में सफर करने वालो को परेशानियों से राहत मिलेगी। आइए खबर में जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
दिल्ली मेट्रो में कई बार तकनीकी खराबी देखी गई है, जिसके चलते लोगों को कई बार बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन अब इसी परेशानियो से मुक्त कराने के लिए DMRC (DMRC Updates) की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। अब दिल्ली मेट्रो में नए फीचर का परिक्षण किया जाएगा। आइए खबर में जानते हैं दिल्ली मेट्रो से जुड़े अपडेट के बारे में।
रेल वेल्ड का अल्ट्रासोनिक परीक्षण हुआ शुरू
मेट्रो में कई बार तकनीकी खराब होने के चलते DMRC की तरफ से अल्ट्रासोनिक परीक्षण शुरू करने की तैयारी चल रही है, जिसके लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि ये परीक्षण लाइन-3 और 4 पर किया जाएगा, ये सबसे पुराने ब्लू लाइन रूट हैं।
दिल्ली मेट्रो में कई बार तकनीकी खराबी होने के चलते दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) अपने पूरे नेटवर्क में सुरक्षा जांच को नई मजबूती देने के लिए रेल वेल्ड का अल्ट्रासोनिक परीक्षण शुरू किया जाएगा। इन तकनीकी गड़बड़ियों के चलते कई रूटों पर मेट्रो सेवाएं बाधित हुईं, इस वजह से स्टेशनों पर भीड़ जमा हो गई।
जारी हो चुके टेंडर
दरअसल, आपको बता दें कि रेल वेल्ड वे जोड़ होते हैं जो पटरी के खंडों को एक साथ कनेक्ट कर एक सतत ट्रैक बनाते हैं। साथ ही 7 अक्टूबर को एक टेंडर जारी किया गया, जिसमें एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन (Airport Express Line) सहित छह लाइन पर एल्युमिनो-थर्मिक वेल्ड और रेल के अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन (Ultrasonic Flaw Detection of Rails) परीक्षण के लिए एजेंसियों को इन्वाइट किया गया।
तीन सालों की अवधि में पूरा होगा अनुबंध
तकरीबन 1.89 करोड़ रुपये मूल्य का यह अनुबंध तीन सालों की अवधि में पूरा किया जाएगा। टेंडर के मुताबिक, इस परियोजना का मकसद रेल (Delhi Metro Updates) और वेल्ड में छिपे परेशानियों का पता लगाना है जो परिचालन से जुड़ी समस्याओं या सुरक्षा जोखिमों का कारण हो सकता हैं। टेंडर के अनुसार इन परीक्षण लक्ष्य मेट्रो प्रणालियों में दरारों और जंग जैसी आंतरिक समस्याओं का पता लगाना है।
ब्लू लाइन पर कब आई तकनीकी परेशानियां
बता दें कि ये परीक्षण लाइन-3 और 4 पर किया जाने वाला है, जो सबसे पुराने ब्लू लाइन रूट (blue line route) हैं। ये नोएडा से द्वारका और यमुना बैंक से वैशाली तक होकर जाते हैं। हालांकि इन ब्लू लाइन पर सितंबर में दो दिन तकनीकी परेशानियां आई है। इसके साथ ही कश्मीरी गेट को नयी दिल्ली होते हुए राजा नाहर सिंह से कनेक्ट करने के लिए लाइन 6, जनकपुरी पश्चिम से बॉटनिकल गार्डन तक लाइन 8 (magenta line), द्वारका से ढांसा बस स्टैंड तक लाइन 9 (gray line) और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन का अल्ट्रासोनिक परीक्षण शामिल है। यह पहल इसलिए शुरू की गई है, क्योंकि हाल के महीनों में तकनीकी गड़बड़ियों की कई घटनाएं हुई है।