E-Aadhaar Update: UIDAI ने आधार सेवाओं को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए एक बड़ी घोषणा की है. आने वाले हफ्तों में लोग फिजिकल आधार की फोटोकॉपी देने के बजाय सीधे E-Aadhaar की डिजिटल कॉपी साझा कर सकेंगे, चाहे वह पूरा आधार हो या मास्क्ड वर्जन. यह सुविधा एक नए QR कोड आधारित मोबाइल ऐप के जरिए उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे आधार शेयर करना पहले से तेज, सुरक्षित और पारदर्शी हो जाएगा.
मोबाइल ऐप से साझा होगा आधार
UIDAI के अनुसार, नया ऐप उपयोगकर्ताओं को मोबाइल-टू-मोबाइल या ऐप-टू-ऐप आधार शेयरिंग की सुविधा देगा. इसमें QR कोड स्कैन कर पहचान साझा की जा सकेगी. यह तकनीक होटल चेक-इन, ट्रेन टिकट में ID वेरिफिकेशन, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, जैसी सेवाओं के लिए बेहद उपयोगी होगी. खास बात यह है कि डेटा तभी साझा होगा जब उपयोगकर्ता स्वीकृति देगा. जिससे गोपनीयता बनी रहेगी.
अब घर बैठे अपडेट होंगी आधार डिटेल्स
UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार के मुताबिक नवंबर 2025 तक लोग आधार में अपनी अधिकांश जानकारियां घर बैठे मोबाइल ऐप के माध्यम से अपडेट कर सकेंगे. अब सिर्फ बायोमेट्रिक अपडेट (फिंगरप्रिंट और आइरिस) के लिए ही आधार केंद्र जाना पड़ेगा. बाकी सभी सेवाएं जैसे—
- नाम में सुधार,
- पता अपडेट,
- मोबाइल नंबर अपडेट,
- जन्मतिथि संशोधन,
यह सब कुछ अब डिजिटल प्लेटफॉर्म से ही किया जा सकेगा. जिससे आधार धारकों को बार-बार केंद्र जाने की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी.
डॉक्यूमेंट सबमिशन की प्रक्रिया होगी खत्म
UIDAI की इस नई व्यवस्था के तहत अब लोगों को अपने दस्तावेज जमा नहीं करने पड़ेंगे. UIDAI, जन्म प्रमाण पत्र, मैट्रिक सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, PAN, PDS, और MNREGA डाटाबेस जैसे सरकारी रिकॉर्ड से खुद डेटा प्राप्त कर लेगा. इससे न केवल फर्जी दस्तावेजों पर रोक लगेगी बल्कि प्रक्रिया तेज और पारदर्शी भी होगी. साथ ही बिजली बिल डाटाबेस को भी इससे जोड़ने की योजना है.
बच्चों के आधार अपडेट के लिए चलेगा विशेष अभियान
UIDAI ने CBSE और अन्य बोर्ड्स के साथ मिलकर एक विशेष अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान का उद्देश्य 5 से 7 वर्ष और 15 से 17 वर्ष के बच्चों के आधार अपडेट को पूरा करना है. अभी भी 8 करोड़ बच्चों की पहली अपडेट और 10 करोड़ बच्चों की दूसरी अपडेट लंबित है. यह अपडेट अभियान स्कूलों और आधार केंद्रों के सहयोग से बड़े स्तर पर चलाया जाएगा.
फ्रॉड रोकने में मददगार होगा E-Aadhaar
UIDAI राज्यों से यह भी आग्रह कर रहा है कि वे प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के समय E-Aadhaar आधारित पहचान सत्यापन को अपनाएं. इससे जमीन संबंधी धोखाधड़ी और पहचान चोरी की घटनाएं कम होंगी. UIDAI, होटल, सुरक्षा एजेंसियों और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर E-Aadhaar की उपयोगिता का दायरा बढ़ा रहा है. भले ही वहां आधार को अनिवार्य न किया गया हो.
डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ी पहल
UIDAI की यह नई पहल न केवल डिजिटल इंडिया की सोच को आगे बढ़ा रही है. बल्कि नागरिकों के लिए आधार से जुड़ी सेवाओं को सरल, सुरक्षित और स्मार्ट बना रही है. आने वाले समय में E-Aadhaar से जुड़ी ये सुविधाएं हर आम नागरिक की दैनिक जरूरत का हिस्सा बन जाएंगी और भारत की डिजिटल पहचान प्रणाली को और मजबूत करेंगी.