Eletricity Rate Cut: बिहार सरकार ने खेती के लिए बिजली देने के मामले में एक नई पहल की है. इस पहल में, सूर्य की ऊर्जा (सोलर एनर्जी) का उपयोग करके बिजली उत्पन्न की जाएगी, जिससे किसानों को उनके खेतों की सिंचाई के लिए आसानी से और सस्ती बिजली उपलब्ध हो सकेगी. इस कदम से किसानों में खुशी की लहर है क्योंकि यह उनके लिए एक आर्थिक सहायता के रूप में साबित हो रहा है .
बिहार की सोलर योजना और उसके लक्ष्य
सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य है किसानों को सस्ती और विश्वसनीय बिजली प्रदान करना. इसके लिए, बिहार सरकार ने सोलर प्लांट्स के माध्यम से बिजली उत्पादन की व्यवस्था की है जिसमें 1200 मेगावाट बिजली कृषि फीडरों को दी जा रही है. यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि कोयले की तुलना में अधिक टिकाऊ और कम लागतीली भी है .
किसानों को मिली बड़ी राहत
राज्य सरकार ने न केवल बिजली उपलब्ध कराई है, बल्कि किसानों को बिजली बिल पर 92 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी है. इससे किसानों का खर्चा काफी कम हो गया है और उन्हें अपने खेती के लिए बिजली सस्ती दरों पर उपलब्ध हो रही है (subsidized electricity benefits). इस पहल से डीजल की तुलना में बिजली की लागत दस गुना कम हो गई है, जिससे किसानों को बड़ी आर्थिक राहत मिली है.
आगे की रणनीति और योजनाएँ
इस योजना के तहत, बिहार सरकार ने आगे चल कर कृषि कार्यों के लिए और अधिक बिजली उपलब्ध कराने के लिए 1600 मेगावाट की सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई है. यह योजना कृषि फीडरों के माध्यम से 3681 कृषि फीडरों को ऊर्जा प्रदान करेगी, जिससे राज्य के किसानों को और भी अधिक सहायता मिलेगी