EMI Bounce Fine New Rules: आज के आर्थिक स्थिति में महंगाई की ऊँची दरों ने केवल आम आदमी के जीवन को काफी प्रभावित किया है। इसके चलते, अनेक लोग अपनी मूलभूत जरुरतों को पूरा करने के लिए लोन का सहारा ले रहे हैं। भारतीय बैंक विभिन्न प्रकार के लोन जैसे गृह लोन, वाहन लोन और व्यक्तिगत लोन प्रदान कर रहे हैं, जिससे लोग अपने सपनों को साकार कर सकें और आर्थिक तंगी का सामना कर सकें।
ईएमआई की अदायगी और आर्थिक दबाव
ईएमआई यानी इक्वेटेड मंथली इंस्टालमेंट, यह एक तरह का आर्थिक उपकरण है जो लोन लेने वाले व्यक्ति को कर्ज की राशि को निश्चित अवधि में चुकाने में मदद करता है। हालांकि, कई बार महंगाई के कारण और आय में अस्थिरता के चलते लोगों को ईएमआई भरने में कठिनाई होती है, जिससे उनका सिबिल स्कोर प्रभावित हो सकता है।
सिबिल स्कोर और इसका महत्व
सिबिल स्कोर, जो एक क्रेडिट रेटिंग है, यह निर्धारित करता है कि एक व्यक्ति कितना क्रेडिट योग्य है। ईएमआई में देरी होने पर यह स्कोर कम हो जाता है, जिससे भविष्य में लोन प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है। इसीलिए, यह अत्यंत आवश्यक है कि ईएमआई समय पर चुकाई जाए।
बैंकों द्वारा जुर्माना और ईएमआई नियमों में सख्ती
बैंकों ने ईएमआई भुगतान में देरी होने पर लगने वाले जुर्माने में वृद्धि की है। इससे वे लोग जो समय पर ईएमआई भुगतान नहीं कर पाते, उन्हें भारी आर्थिक बोझ सहना पड़ता है। इसके अलावा, ईएमआई न भर पाने की स्थिति में लोगों को उच्च दर पर ब्याज भी चुकाना पड़ता है।
ईएमआई भुगतान में चूक से बचने के उपाय
लोगों को चाहिए कि वे अपनी आर्थिक योजना ऐसे बनाएं कि ईएमआई समय पर भुगतान हो सके। इसके लिए वे ऑटो-डेबिट सुविधा का उपयोग कर सकते हैं, जिससे उनके खाते से निर्धारित तारीख को स्वचालित रूप से राशि कट जाएगी। इस प्रक्रिया से वे समय पर ईएमआई भर सकेंगे और अपने क्रेडिट स्कोर को बनाए रख सकेंगे।