अक्सर वाहन मालिक यह मान लेते हैं कि यदि उनकी गाड़ी ने वर्ष भर में केवल 3-4 हजार किलोमीटर की दूरी तय की है तो इंजन ऑयल बदलने की जरूरत नहीं है. यह धारणा इसलिए गलत है क्योंकि इंजन ऑयल की उम्र केवल किलोमीटर तक ही सीमित नहीं होती बल्कि समय के साथ इसकी गुणवत्ता में भी कमी आती है.
इंजन ऑयल का महत्व और कार्य
इंजन ऑयल का मुख्य काम इंजन के पुर्जों में चिकनाई प्रदान करना (lubrication) और घर्षण को कम करना होता है. यह इंजन के अंदर जमा होने वाली गंदगी, धातु के कणों और स्लज को साफ करने में मदद करता है. समय पर ऑयल न बदलने से यह गाढ़ा हो सकता है जो इंजन के पुर्जों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ परफॉर्मेंस (engine performance) को भी प्रभावित करता है.
कम उपयोग पर भी ऑयल चेंज की आवश्यकता
भले ही आपकी गाड़ी कम चलती हो, लेकिन इंजन ऑयल में समय के साथ नमी और अन्य तत्व मिल जाने से इसकी गुणवत्ता प्रभावित होती है. इसके अलावा, इंजन ऑयल ऑक्सीडेशन (oxidation) की प्रक्रिया से गुजरता है, जिससे यह अपनी चिकनाई खो देता है. इसलिए, इसे हर 6 महीने या 1 साल में बदलना जरूरी होता है, जैसा कि वाहन निर्माताओं द्वारा सुझाया जाता है.
अलग अलग परिस्थितियों में इंजन ऑयल की आवश्यकता
यदि आपकी गाड़ी शहरी ट्रैफिक में अधिक समय तक इधर-उधर होती रहती है या केवल छोटी दूरियों पर चलती है, तो इंजन ऑयल पर ज्यादा दबाव पड़ता है. ऐसी स्थितियों में ऑयल जल्दी खराब हो सकता है, इसलिए इसे समय-समय पर बदलना चाहिए.
नियमित रखरखाव
नियमित रूप से इंजन ऑयल चेक कराना और बदलवाना आपकी गाड़ी की लंबी उम्र और बेहतर परफॉर्मेंस को सुनिश्चित करता है. इससे आप बड़े इंजन मरम्मत के खर्चे से बच सकते हैं और आपकी गाड़ी हमेशा बेहतरीन स्थिति में रहेगी.