EPF में प्राइवेट कर्मचारियों को मिलेगी ₹9000 की मासिक पेंशन, कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को मिलेगा लाभ : जैसा कि आप सभी जानते हैं सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम की मंजूरी मिलने के बाद अब प्राइवेट सेक्टर में पेंशन सुधार की मांग अधिक जोर से चल रही है ! क्योंकि चेन्नई इपीएफ पेंशनभोगी वेलफेयर एसोसिएशन ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडवीया को एक लेटर भेजा है !
EPF में प्राइवेट कर्मचारियों को मिलेगी ₹9000 की मासिक पेंशन, कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को मिलेगा लाभ
इसमें की न्यूनतम पेंशन को मौजूदा राशि से बढ़कर ₹9000 करने की मांग की गई है ! प्राइवेट सेक्टर में कर्मचारी सरकार से अपनी पेंशन संबंधित चिताओं को दूर करने का आग्रह कर रही है ! क्योंकि सरकार के द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम को शुरू किया गया है !
इस पेंशन स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को ₹10000 तक न्यूनतम पेंशन दी जाएगी ! इसके अलावा अगर कर्मचारी 25 साल की सर्विस पूरी करने के बाद रिटायर्ड होते हैं ! तो उन कर्मचारियों को मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा !
Employee Pension Scheme
वर्तमान समय में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत आने वाले सभी प्राइवेट कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना के माध्यम से न्यूनतम पेंशन मिलती है ! और प्राइवेट क्षेत्र के कर्मचारी अपनी मासिक पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं ! कर्मचारी पेंशन योजना वर्तमान में देशभर में लगभग 75 लाख कर्मचारियों को कवर कर रही है !
संगठन का कहना है कि जहां 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा ! वही कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी बड़े हुए समर्थन के हकदार होते हैं ! चेन्नई इपीएफ पेंशनर्स वेलफेयर संगठन का कहना है कि न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी का मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाया जाना चाहिए !
EPS Pension – ईपीएस 95 के तहत न्यूनतम पेंशन
आप सभी को बता दे की सितंबर 2014 में केंद्र सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत आने वाले पेंशन भोगियों के लिए ₹1000 प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की घोषणा की थी ! लेकिन श्रम मंत्रालय ने पिछले साल वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था ! जिसमें कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत पेंशन को दुगना करके ₹2000 प्रति माह करने की मांग की गई थी ! लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी !