EPFO में बड़े बदलाव की तैयारी में सरकार : केंद्र सरकार जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) के सदस्य कर्मचारियों को राहत देने की तैयारी कर रही है। सरकार जल्द ही स्वैच्छिक भविष्य निधि (VVF ) में कर-मुक्त ब्याज के साथ योगदान की सीमा बढ़ा सकती है। वर्तमान में यह सीमा 2.5 लाख रुपये है। इस सीमा से अधिक निवेश पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य है।
EPFO में बड़े बदलाव की तैयारी में सरकार
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा की जा सकती है। इस फैसले का मकसद मध्यम वर्ग के लोगों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) के जरिए अधिक बचत करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इससे उन्हें अच्छा रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद मिलेगी। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में स्वैच्छिक योगदान पर 2.5 लाख रुपये की सीमा तय की गई थी। इस सीमा से अधिक मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है।
सरकार ने सीमा क्यों तय की?
पहले अधिक कमाने वाले लोग इस सुविधा का इस्तेमाल कर बैंक या फिक्स्ड डिपॉजिट से अधिक कर-मुक्त ब्याज कमा रहे थे। इसे रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया।
आमतौर पर VVF को टैक्स से पूरी तरह छूट दी जाती है। इसका मतलब है कि योगदान, ब्याज और परिपक्वता राशि सभी कर-मुक्त हैं।
EPFO में बड़े बदलाव की तैयारी में सरकार
EPFO वित्त वर्ष 1977-78 से 8% से अधिक ब्याज दे रहा है। यह वित्त वर्ष 1989-90 में 12% के उच्च स्तर पर पहुंच गया और वित्त वर्ष 2000 तक 11 वर्षों तक इस स्तर पर रहा। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए PF पर ब्याज दर 8.10%, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.15% और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 8.25% थी।
VPF में कितना योगदान किया जा सकता है
मौजूदा कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम के तहत, PF खाते में VPF योगदान की कोई सीमा नहीं है। यह मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 100% तक हो सकता है। सरकार ने कर-मुक्त ब्याज आय को प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये के स्वैच्छिक योगदान तक सीमित करके उच्च आय वालों द्वारा इसके दुरुपयोग को रोकने की कोशिश की थी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) में हर महीने औसतन 7 करोड़ लोग योगदान करते हैं। 75 लाख से ज्यादा पेंशनर्स हैं। इसका फंड 20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का है।