कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने नियमों में बड़ा सुधार किया है, जिससे करोड़ों नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए पीएफ निकासी की प्रक्रिया पहले से कहीं आसान हो जाएगी। संगठन ने PF Withdrawal के नियमों, दस्तावेजी प्रक्रियाओं और टाइमलाइन में कई अहम बदलाव किए हैं। खास बात यह है कि अब नौकरी छोड़ने या छूटने के बाद फाइनल सेटलमेंट के लिए 2 महीने नहीं, बल्कि 12 महीने का समय तय किया गया है। वहीं, पेंशन से जुड़े मामलों के लिए यह अवधि 36 महीने की कर दी गई है।
आइए जानते हैं, EPFO के इन नए बदलावों को 5 पॉइंट्स में विस्तार से—
🔹 1. अब PF की 75% राशि आसानी से निकाल सकेंगे कर्मचारी
सोमवार को हुई ईपीएफओ की 238वीं सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ (CBT) बैठक में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में कई अहम फैसले लिए गए। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब कर्मचारी अपने PF खाते में जमा रकम में से 75% राशि तक बिना किसी जटिल प्रक्रिया के निकाल सकेंगे।
पहले पूरी राशि केवल बेरोजगारी या सेवानिवृत्ति की स्थिति में ही मिलती थी, लेकिन अब अकाउंट में सिर्फ 25% बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य होगा। इस फैसले से नौकरीपेशा वर्ग को तात्कालिक आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में बड़ी राहत मिलेगी।
🔹 2. PF खाते में रहेगा 25% का मिनिमम बैलेंस
EPFO ने यह भी तय किया है कि हर सदस्य को अपने खाते में 25% राशि मिनिमम बैलेंस के रूप में बनाए रखनी होगी। इस पर मौजूदा 8.25% ब्याज की दर से ब्याज मिलता रहेगा, जिससे अकाउंट सक्रिय रहेगा और भविष्य में पेंशन का लाभ भी मिलता रहेगा। इस तरह कर्मचारी तत्काल नकदी जरूरत पूरी करते हुए अपनी रिटायरमेंट सेविंग्स को भी सुरक्षित रख सकेंगे।
🔹 3. अब PF निकालने के लिए कारण बताने की जरूरत नहीं
EPFO ने PF Withdrawal की प्रक्रिया को और भी सरल बना दिया है। अब पैसे निकालने के लिए कर्मचारियों को किसी प्रकार का कारण बताने की जरूरत नहीं होगी। पहले निकासी के लिए फॉर्म में कारण (जैसे बीमारी, आपदा, बेरोजगारी आदि) का उल्लेख करना अनिवार्य था।
अब सदस्य बिना किसी दस्तावेज़ी झंझट या स्पष्टीकरण के 75% तक राशि निकाल सकते हैं। इस बदलाव का मकसद क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाना है।
🔹 4. फाइनल सेटलमेंट की टाइमलाइन 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने
EPFO के नए नियमों के मुताबिक, अब कर्मचारी नौकरी छोड़ने के बाद अपने पूरे PF बैलेंस की निकासी 12 महीने के भीतर कर सकेंगे। पहले यह अवधि सिर्फ 2 महीने थी।
पेंशन खातों के लिए यह समय सीमा 36 महीने की गई है। इस बदलाव का उद्देश्य कर्मचारियों को अपनी रिटायरमेंट सेविंग्स को जल्द खत्म करने से रोकना और दीर्घकालिक आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
हालांकि, संगठन ने यह भी स्पष्ट किया है कि आंशिक निकासी के नियमों को लचीला बनाया गया है ताकि कर्मचारी जरूरत पड़ने पर बिना रिटायरमेंट सेविंग्स से समझौता किए तत्काल आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकें।
🔹 5. अब जरूरत के अनुसार कई बार निकाल सकेंगे पैसा
EPFO ने आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) की लिमिट में भी बड़ा बदलाव किया है।
अब सदस्य शिक्षा के लिए 10 बार और शादी जैसे अवसरों के लिए 5 बार तक निकासी कर सकते हैं। पहले यह सीमा सिर्फ 3 बार तक सीमित थी।
साथ ही, आंशिक निकासी के लिए सेवा अवधि (Service Tenure) की न्यूनतम शर्त को एक समान करते हुए 12 महीने कर दिया गया है, जिससे प्रक्रिया और अधिक लचीली हो गई है।
💡 निष्कर्ष (Conclusion):
EPFO के ये नए नियम नौकरीपेशा लोगों को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। अब कर्मचारी अपने PF खाते के पैसों का उपयोग लचीले ढंग से कर सकते हैं, साथ ही उन्हें फाइनल सेटलमेंट के लिए जल्दबाज़ी नहीं करनी होगी। ये बदलाव न सिर्फ प्रक्रिया को आसान बनाते हैं बल्कि कर्मचारियों की दीर्घकालिक बचत को भी सुरक्षित रखते हैं।