कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों सदस्यों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब प्रोविडेंट फंड (PF) का पैसा निकालने की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा आसान और पूरी तरह डिजिटल बना दी गई है। यानी अब आपको किसी भी प्रकार के दस्तावेज़ जमा करने, दफ्तरों के चक्कर लगाने या लंबी कागजी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा — सब कुछ ऑनलाइन हो जाएगा।
देशभर के लगभग 7 करोड़ से अधिक नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए यह बदलाव एक ऐतिहासिक कदम है। केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई ईपीएफओ की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में कई पुराने और जटिल नियमों को पूरी तरह सरल बना दिया गया है। अब सदस्य अपनी जमा की हुई रकम का लगभग 100% हिस्सा जरूरत पड़ने पर निकाल सकेंगे।
इस कदम का उद्देश्य कर्मचारियों के वित्तीय जीवन को आसान बनाना है — ताकि बीमारी, बच्चों की पढ़ाई या शादी जैसी जरूरतों के लिए उन्हें अपने ही पैसों के लिए परेशान न होना पड़े। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन बदलावों से न तो पेंशन पर असर पड़ेगा और न ही रिटायरमेंट सेविंग पर कोई नकारात्मक प्रभाव होगा।
पुराने झंझट खत्म, अब सिर्फ 3 आसान कैटेगरी
पहले पीएफ निकालने के लिए 13 अलग-अलग तरह के नियम और फॉर्म भरने की जरूरत पड़ती थी। कई बार कर्मचारियों को समझ ही नहीं आता था कि कौन सा फॉर्म किस स्थिति में लागू होता है। नतीजा — क्लेम रिजेक्ट हो जाते थे या महीनों तक लंबित रहते थे।
अब सरकार ने इन सब नियमों को हटाकर निकासी प्रक्रिया को केवल तीन सरल श्रेणियों में बांट दिया है:
- अत्यावश्यक खर्चे: जैसे बीमारी, बच्चों की उच्च शिक्षा या विवाह।
- आवास से जुड़ी जरूरतें: जैसे नया घर या फ्लैट खरीदना, मकान बनवाना या मरम्मत करना।
- विशेष परिस्थितियाँ: पहले यहां नौकरी जाने या कंपनी बंद होने जैसी वजह जरूरी थी, लेकिन अब बिना कोई कारण बताए भी पैसा निकाला जा सकता है।
इस बदलाव से न केवल प्रक्रिया आसान हुई है बल्कि अब आंशिक निकासी के लिए किसी भी तरह का दस्तावेज़ अपलोड करना अनिवार्य नहीं होगा। पूरा सिस्टम 100% ऑटोमेटेड होगा और पैसा सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगा।
क्या वाकई 100% निकासी संभव है?
खबरों में “पूरी निकासी” की बात की जा रही है, लेकिन इसे सही तरह से समझना जरूरी है।
नए नियमों के अनुसार, कर्मचारी अपने Eligible Balance (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का हिस्सा) का 100% तक दावा कर सकते हैं।
हालांकि, एक शर्त भी रखी गई है — हर सदस्य को अपने पीएफ खाते में कम से कम 25% बैलेंस हर समय बनाए रखना होगा।
यानि, कुल जमा राशि का 75% तक ही एक बार में निकाला जा सकेगा।
उदाहरण के लिए, अगर आपके खाते में ₹10 लाख हैं, तो आप ₹7.5 लाख रुपये तक निकाल सकते हैं। बाकी ₹2.5 लाख रुपये खाते में रहेंगे, जिस पर 8.25% वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा। सरकार का मानना है कि यह मिनिमम बैलेंस रिटायरमेंट के लिए आपकी बचत को सुरक्षित रखेगा और कंपाउंड ब्याज से आपकी पूंजी लगातार बढ़ती रहेगी।
शादी और पढ़ाई के लिए बढ़ाई गई लिमिट
पहले नियम के तहत कोई कर्मचारी सिर्फ 3 बार बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए पैसा निकाल सकता था। अब इस सीमा को बढ़ाकर किया गया है —
- पढ़ाई के लिए 10 बार,
- शादी के लिए 5 बार।
यह फैसला खासकर मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत है, जिन्हें अक्सर इन मौकों पर पैसों की जरूरत होती है।
इसके साथ ही, सेवा अवधि की शर्त को भी बदल दिया गया है। अब किसी भी प्रकार की निकासी के लिए सिर्फ 12 महीने की नौकरी पर्याप्त है। यानी जिसने अभी-अभी जॉब शुरू की है, वो भी अपने पीएफ से पैसा निकाल सकता है।
घर बैठे ऐसे निकालें PF का पैसा — पूरी ऑनलाइन प्रक्रिया
अब पीएफ क्लेम करना कुछ ही मिनटों का काम है। आपको न ऑफिस जाने की जरूरत है, न ही किसी एजेंट की मदद लेने की।
यहाँ जानिए पूरी प्रक्रिया:
स्टेप 1: EPFO की आधिकारिक वेबसाइट खोलें —
🔗 https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/
स्टेप 2: UAN नंबर, पासवर्ड और कैप्चा डालकर लॉगिन करें।
स्टेप 3: मेनू में जाएँ — Online Services → Claim (Form-31, 19, 10C & 10D)
स्टेप 4: अपने बैंक खाते के अंतिम 4 अंक डालकर वेरिफाई करें।
स्टेप 5: ‘PF Advance (Form 31)’ चुनें, फिर निकासी का कारण और राशि भरें।
स्टेप 6: Get Aadhaar OTP पर क्लिक करें और OTP से वेरिफाई करें।
स्टेप 7: OTP दर्ज करके क्लेम सबमिट करें।
बस इतना ही! कुछ दिनों में आपका पैसा सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगा।
निष्कर्ष:
EPFO का यह नया नियम न केवल प्रक्रिया को सरल बनाता है, बल्कि कर्मचारियों को वित्तीय आज़ादी भी देता है। अब अपना पैसा निकालना उतना ही आसान है जितना किसी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को करना। इससे करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को राहत मिलेगी और रिटायरमेंट फंड की सुरक्षा भी बरकरार रहेगी।