EPFO Rule : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने ईपीएफओ से जुड़े निमयों में बदलाव किया है। कहा जा रहा है कि सरकार के इन फैसलों से देशभर में मौजूद 7 करोड़ ईपीएफओ सदस्यों को फायदा होगा… ऐसे में इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को पूरा पढ़ लें-
हाल ही में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 236वीं बैठक हुई। इस बैठक में सरकार ने EPFO के सदस्यों के लाभों को बढ़ाने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलावों को मंजूरी दी।
खासतौर पर, सीबीटी ने एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के लिए रिडेम्पशन पॉलिसी (Redemption Policy) को अपनाया, जिससे सदस्यों को अधिक आय प्राप्त हो सके। रिपोर्टों के अनुसार, सीबीटी ने ईटीएफ से प्राप्त 50 प्रतिशत राशि को केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) और भारत 22 सूचकांक में पुनः निवेश करने की मंजूरी भी दी है।
नई नीति के अनुसार, फंड को कम से कम पांच साल तक बनाए रखना अनिवार्य है। रिपोर्ट के अनुसार, शेष राशि को अन्य वित्तीय साधनों में निवेश किया जाएगा, जिसमें सरकारी प्रतिभूतियां और कॉर्पोरेट बॉंड शामिल हैं। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय (Union Ministry of Labour and Employment) ने बताया है कि केंद्रीय रोजगार परिषद (सीबीटी) ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा प्रायोजित इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट्स) और रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (real estate investment trust) द्वारा जारी इकाइयों में निवेश के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी है।
ज्यादा ब्याज का मिलेगा फायदा-
बोर्ड ने EPF योजना 1952 में संशोधन की मंजूरी दी है। अब सदस्यों को निपटान की तारीख तक ब्याज का भुगतान मिलेगा, बजाय पिछले महीने के अंत तक। यह बदलाव सदस्यों को वित्तीय लाभ देगा और शिकायतों की संख्या घटाएगा। यह निर्णय सदस्यों के हित में है। (EPFO Latest Updates)
ऑटो क्लेम लिमिट में बढ़ोतरी-
सरकार ने ऑटो क्लेम लिमिट को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है, जिसका लाभ घर, शादी और शिक्षा के लिए होगा। इस वित्तीय वर्ष में 1.15 करोड़ ऑटो क्लेम का सेटलमेंट (settlement) हुआ है, और रिजेक्शन दर घटकर 14 प्रतिशत रह गई है। यह निर्णय देशभर के 7 करोड़ ईपीएफओ सदस्यों के लिए फायदेमंद है। सीबीटी के अनुसार, ईपीएफओ (epfo updates) ने चालू वित्त वर्ष में 1.57 लाख करोड़ रुपये के 3.83 करोड़ दावों का निपटान किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में, ईपीएफओ ने 1.82 लाख करोड़ रुपये के 4.45 करोड़ दावों का निपटान किया।