EPFO ने स्पष्ट किया है कि जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए ₹15,000 से अधिक है, उनके लिए PF में शामिल होना अनिवार्य नहीं है, यदि वे पहले से सदस्य नहीं हैं। हालांकि, पुराने PF मेंबर पर यह जारी रहेगा। नया नियम Para 26(6) के तहत स्वेच्छा से सदस्यता का विकल्प देता है, जिसे 6 महीने में पूरा करना जरूरी है।
अगर आपकी बेसिक सैलरी और डीए (Dearness Allowance) मिलाकर ₹15,000 प्रति माह से ज्यादा है, तो आपके लिए EPFO का नया नियम जानना जरूरी है। अब तक नौकरीपेशा लोग मानते थे कि हर संस्थान में PF कटना अनिवार्य है, लेकिन EPFO (Employees Provident Fund Organisation) ने 2025 में इस पर साफ स्पष्टीकरण जारी किया है।
EPFO के मुताबिक, जिन कर्मचारियों की बेसिक + डीए ₹15,000 से अधिक है और जो पहली बार नौकरी जॉइन कर रहे हैं, उनके लिए PF में शामिल होना अनिवार्य नहीं है। मतलब अगर आप पहले से EPF सदस्य नहीं हैं, तो नई नौकरी में आपको PF अकाउंट खुलवाना जरूरी नहीं रहेगा।
पहले से सदस्य हैं तो लागू रहेगा PF
लेकिन यहां एक महत्वपूर्ण बात समझने योग्य है अगर कोई व्यक्ति पहले से PF सदस्य है, तो उसकी सदस्यता क्लोज नहीं होगी, चाहे नई कंपनी में सैलरी ₹15,000 से अधिक ही क्यों न हो। यानी एक बार आप EPF के दायरे में आ गए, तो आगे भी आपकी हर जॉब में PF कंटिन्यू रहेगा।
EPFO के इस नियम का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो अपने करियर की शुरुआती स्टेज में हैं। वे चाहें तो अपनी मर्जी से PF में शामिल हो सकते हैं या उससे बाहर रह सकते हैं, बशर्ते यह उनकी पहली नौकरी हो।
PF में शामिल होना अब “विकल्प”, अनिवार्यता नहीं
EPF एक ऐसी स्कीम है जो कर्मचारी की लंबी अवधि की बचत और रिटायरमेंट सिक्योरिटी के लिए बनाई गई थी। लेकिन अब EPFO ने इसे लचीला बना दिया है। अगर किसी कर्मचारी की बेसिक + डीए ₹15,000 से ज्यादा है, और वह वॉलंटरी तौर पर PF से जुड़ना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है।
यह नियम सिर्फ तभी लागू होगा जब कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की लिखित सहमति हो। यह सहमति Para 26(6) of the EPF Scheme के तहत दी जाती है। मतलब दोनों पक्षों को इस बात पर सहमत होना होता है कि कर्मचारी स्वेच्छा से EPF में शामिल होगा।
6 महीने के भीतर करना होगा आवेदन
EPFO ने यह भी स्पष्ट किया है कि Para 26(6) के तहत मिलने वाला यह विकल्प नौकरी जॉइन करने के 6 महीने के भीतर इस्तेमाल करना जरूरी है। अगर यह समयसीमा निकल जाती है तो बाद में वॉलंटरी PF सदस्य बनना मुश्किल होगा।
ऐसे में, अगर आप एक नए कर्मचारी हैं और आपके लिए PF अनिवार्य नहीं है, फिर भी आप PF से जुड़ना चाहते हैं ताकि आपकी सेविंग्स बढ़ें, तो यह फॉर्म 6 महीने के भीतर EPF ऑफिस में जमा कराना न भूलें।
PF से जुड़ने के फायदे
- लॉन्ग-टर्म सेविंग्स: हर महीने सैलरी का एक हिस्सा बचत में चला जाता है जो ब्याज के साथ बढ़ता है।
- रिटायरमेंट बेनिफिट्स: यह एक ठोस फंड तैयार करता है, जो नौकरी खत्म या रिटायरमेंट के समय बड़ी राशि के रूप में मिलता है।
- टैक्स बेनिफिट्स: EPF में जमा धन और ब्याज दोनों सेक्शन 80C के तहत टैक्स-फ्री हैं।
- फाइनेंशियल सिक्योरिटी: EPF आपके लिए एक सुरक्षित बैकअप होता है, खासकर जब सैलरी इन्कम में कोई रुकावट आए।
क्यों जरूरी है यह स्पष्टीकरण
EPFO का यह नया नियम बड़ी संख्या में कर्मचारियों की गलतफहमी दूर करता है। बहुत से लोग यह सोचते थे कि हर सैलरी कर्मचारी के लिए PF जरूरी है, चाहे उसकी आय कितनी भी हो। लेकिन अब यह स्पष्ट है कि ₹15,000 से अधिक बेसिक + डीए वालों के लिए PF optional है, जब तक वे पहले से सदस्य नहीं हैं।
कंपनियों और HR के लिए भी राहत
यह बदलाव न केवल कर्मचारियों के लिए, बल्कि नियोक्ताओं और HR विभागों के लिए भी राहत लेकर आया है। अब उन्हें ऐसे कर्मचारियों के लिए PF कटौती की बाध्यता नहीं रखनी होगी जो पहली बार जॉब जॉइन कर रहे हैं और ₹15,000 से अधिक बेसिक सैलरी पा रहे हैं। हालांकि, जो कर्मचारी पहले से PF के सदस्य हैं, उनके लिए यह नियम लागू नहीं होगा उनके PF खाते को जारी रखना ही पड़ेगा।
