श्रम मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार, श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) बैठक में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। इन बदलावों से देशभर के 7 करोड़ से अधिक PF खाताधारकों को बड़ा लाभ मिलेगा।
🔹 ईपीएफओ ने कर्मचारियों को दी बड़ी राहत
EPFO ने अपने सदस्यों के लिए आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) के नियमों को और अधिक सरल और लचीला बना दिया है। अब कर्मचारी अपने खाते से 100% तक राशि निकाल सकेंगे — यानी अब वे कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों के योगदान की पूरी रकम तक पहुंच बना पाएंगे।
🔹 बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय
मांडविया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी। इनमें PF निकासी प्रक्रिया को आसान बनाना, ब्याज दर और डिजिटल सेवाओं में सुधार, और “विश्वास योजना” जैसी नई पहल शामिल हैं। इन निर्णयों से EPFO की सेवाएं अधिक पारदर्शी, तेज और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनेंगी।
🔹 13 पुराने नियमों की जगह अब केवल 3 सरल श्रेणियां
CBT ने फैसला किया कि EPF की आंशिक निकासी प्रक्रिया को 13 जटिल नियमों से घटाकर सिर्फ तीन कैटेगरी में समेटा जाएगा:
- जरूरी जरूरतें – बीमारी, शिक्षा, विवाह जैसी व्यक्तिगत आवश्यकताएं।
- आवास संबंधी जरूरतें – घर खरीदने, बनाने या लोन चुकाने से जुड़ी आवश्यकताएं।
- विशेष परिस्थितियां – बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा या महामारी जैसी स्थितियां।
🔹 अब सिर्फ 12 महीने की सेवा के बाद निकासी संभव
अब EPF सदस्य केवल 12 महीने की सेवा पूरी करने के बाद निकासी कर सकेंगे।
- शिक्षा के लिए अब 10 बार तक निकासी की अनुमति मिलेगी।
- शादी के लिए 5 बार तक निकासी की जा सकेगी (पहले सिर्फ 3 बार की अनुमति थी)।
🔹 बिना कारण बताए निकासी की सुविधा
‘विशेष परिस्थितियों’ में अब सदस्य को निकासी का कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे क्लेम रिजेक्शन की समस्या लगभग खत्म हो जाएगी।
🔹 न्यूनतम 25% बैलेंस रखना जरूरी
EPFO ने यह नियम जोड़ा है कि सदस्य अपने खाते में कुल बैलेंस का कम से कम 25% हिस्सा बनाए रखें। इससे उन्हें 8.25% वार्षिक ब्याज दर और कंपाउंडिंग के लाभ मिलते रहेंगे, जिससे उनका रिटायरमेंट फंड और मजबूत बनेगा।
🔹 निकासी प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमेटेड
अब PF निकासी प्रक्रिया को 100% ऑटोमेटेड और पेपरलेस बनाया जा रहा है।
- फाइनल PF सेटलमेंट अवधि: 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने
- पेंशन निकासी अवधि: 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने
इससे दावे तेजी से निपटाए जा सकेंगे, और कर्मचारियों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
🔹 ‘विश्वास योजना’ से जुर्माने में राहत
EPFO ने “विश्वास योजना” की शुरुआत की है ताकि लंबित मामलों और पेनाल्टी का निपटारा हो सके।
- PF जमा में देरी पर अब जुर्माना घटाकर 1% प्रति माह कर दिया गया है।
- योजना 6 महीने तक चलेगी और जरूरत पड़ने पर 6 महीने बढ़ाई जा सकती है।
🔹 पेंशनर्स के लिए घर बैठे सुविधा
ईपीएफओ ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के साथ साझेदारी की है। अब EPS-95 पेंशनर्स घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) जमा कर सकेंगे। यह सेवा पूरी तरह मुफ्त होगी।
🔹 EPFO 3.0 — डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर
EPFO ने अपने डिजिटल ढांचे को मजबूत करने के लिए “EPFO 3.0” क्लाउड-बेस्ड सिस्टम को मंजूरी दी है।
- इससे सभी सेवाएं तेज, पारदर्शी और ऑटोमेटेड बनेंगी।
- फंड मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए चार फंड मैनेजरों की नियुक्ति की गई है, जो पांच साल तक जिम्मेदारी संभालेंगे।