दिल्ली-एनसीआर से कानपुर तक निर्माणाधीन ग्रीनफील्ड हाईवे उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इससे प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ने के साथ-साथ औद्योगिक और आवासीय विकास की संभावना भी बढ़ेगी. इस हाईवे के बनने से उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में निवेश और विकास के नए दरवाजे खुलेंगे.
Expressway: दिल्ली-एनसीआर से कानपुर तक निर्माणाधीन ग्रीनफील्ड हाईवे उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इससे प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ने के साथ-साथ औद्योगिक और आवासीय विकास की संभावना भी बढ़ेगी. इस हाईवे के बनने से उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में निवेश और विकास के नए दरवाजे खुलेंगे.
दिल्ली-एनसीआर से कानपुर तक निर्माणाधीन 380 किमी लंबा ग्रीनफील्ड हाईवे उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट बाजार में नई क्रांति लाएगा। यह हाईवे गाजियाबाद से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के 9 जिलों को जोड़ते हुए कानपुर तक पहुंचेगा, जिससे इन इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है।
हाईवे के निर्माण से इन 9 जिलों में रियल एस्टेट का भरपूर विकास होगा। हाउसिंग डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस हाईवे के पूरा होने से आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही औद्योगिक गलियारे के निर्माण से जमीन की कीमतें भी बढ़ेंगी।
एनएचएआई के मुताबिक, भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होते ही हाईवे पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
इस ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट बाजार में बड़ा बदलाव आने की संभावना है। इससे न केवल संपत्ति की कीमतें बढ़ेंगी बल्कि क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। जब 2026 में राजमार्ग पूरा हो जाएगा, तो इससे न केवल इन जिलों में निवेश के अवसर बढ़ेंगे बल्कि नए उद्योगों और व्यापार केंद्रों की स्थापना भी होगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।