रबी फसलों की कटाई के बाद खेत खालीहो जाएगे।ऐसे में खाली खेत में किसान खरीफ की बुवाई से पहले मुंग की खेती कर सकते है।इससे किसानो को बेहद लाभ होगा।मुंग के भाव बाजार में ठीक थक मिल रहे है।मुंग उगाना किसानो के लिए अतिरिक्त इनकम का जरिया बन गया है साथ ही इसकी खेती से भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ती है जो अगली फसल के लिए काफी उपयोगी है।ऐसे में ग्रीष्मकालीन मुंग की खेती काफी लाभकारी हो सकती है।
इतना ही नहीं मुंग की खेती के लिए सरकार की और से किसानो को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है।इसी कड़ी में राज्य सरकार की और से मुंग की खेती के लिए कसानो को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।जो किसान इस बार रबी फसलों की कटाई के बाद मुंग की खेती करना चाहते है,वे योजना के तहत आवेदन करके मुंग के बीजो की खरीद पर सब्सिडी का फायदा ले सकते है।ऐसे में राज्य के किसानो के किसानो को आधे कीमत पर मुंग के उन्नत बीज विपरीत किये जाएगे।
किसानो के लिए लाभकारी है मुंग की खेती
मुंग से हरी खाद भी तैयार की जाती है जो खेत की उर्वरक शक्ति बढ़ाता है।इससे जमीं में सुधर होता है जिससे खेत उपजाऊ बना रहता है। मुंग का प्रयोग हरी खाद के रूप में किसान कर सकते है।मुंग की फसल कटने के बाद शेष इसके अवशेषों को ट्रेक्टर की मदद से मिटटी में दवा देना चाहिए जिससे वह खाद में बदल जाते है।इसी वजह से राज्य सर्कार की और से मुंग की खेती के लिए किसानो को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कितनी मिलेगी सब्सिडी
यूपी सरकार की और से मुंग के बीजो की खरीद पर राज्य के किसानो को लागत की 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।जैसे अगर मुंग के एक किलो बीज का मूल्य 80 रूपये है तो 40 रूपये में मुंग का बीज दिया जाएगा।इस तरह किसान मुंग के प्रमाणिक उन्नत बीज आधी कीमत पर प्राप्त कर सकते है।सब्सिडी पर मूँगके बीज प्राप्त करे के लिए राज्य के किसानो को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।सब्सिडी की राशि डीबीटी के माध्यम से किसानो के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।