FASTag New Rule: भारतीय हाईवे पर यात्रा करने वाले लाखों वाहन चालकों के लिए फास्टैग अब एक अनिवार्य टूल बन गया है। हाल ही में भारत सरकार ने फास्टैग के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। जिससे वाहन चालकों को अनावश्यक टोल शुल्क से राहत मिलेगी। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में।
फास्टैग के नए नियम क्या हैं?
नए नियमों के अनुसार अब फास्टैग से जुड़ी गलत टोल शुल्क की कटौती पर रोक लगाई गई है। इसका मतलब है कि यदि आपके वाहन से गलती से अधिक शुल्क कट जाता है, तो उसे सुधारा जाएगा और आपको उचित रिफंड प्राप्त होगा। इस नए फैसले से वाहन चालकों को बड़ी राहत मिली है और यह उन्हें अनावश्यक खर्च से बचाएगा।
FASTag क्यों बना अनिवार्य ?
NHAI (National Highways Authority of India) ने सभी वाहनों के लिए FASTag को अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य टोल प्लाजा पर लंबी कतारों और वाहनों के जमाव को कम करना है। इससे ईंधन की बचत होती है और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा मिलता है। FASTag के माध्यम से टोल शुल्क का भुगतान स्वचालित रूप से होता है, जो यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाता है।
गलत टोल शुल्क कटौती पर नियंत्रण
IHMCL (Indian Highways Management Company Limited), जो NHAI की टोल मैनेजमेंट बॉडी है, ने ऐसी स्थितियों में भारी जुर्माना लगाने की योजना बनाई है। इसके अनुसार यदि किसी वाहन से गलत तरीके से टोल शुल्क कटता है, तो वह तुरंत सुधारा जाएगा और जरूरत पड़ने पर टोल ऑपरेटर पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया
यदि आपको लगता है कि आपसे गलत टोल शुल्क काटा गया है, तो आप IHMCL के माध्यम से या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। आप 1033 पर कॉल करके या falsededuction@ihmcl.com पर ईमेल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं