पहले जहा सड़क से मुंबई से पुणे जाने में 9 घंटे का समय लगता था,वही अब यह घटकर केवल 2 घंटे रह जाएगा।नितिन गडकरी ने एक इंटरव्यू में भारत में बहुत जल्द सेटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम को लागु करने की बात कही है।यह सिस्टम लागु होने से टोल टेक्स सीधे वाहन चालक के बैंक खाते से काट जाएगा।नितिन गडकरी ने यह भी कहा है की अब चालक सिर्फ उतनी दुरी का ही टोल भरेंगे जितनी दुरी वह तय करेंगे। उन्होंने कहा की इससे मुंबई पुणे सफर के बिच 7 घंटे का डीजल भी बचेग।
पिछले कुछ दिनों से सेटेलाइट बेस्ड टोल को लेकर काफी सुर्खियों में।लोग जानना चाहते है की आख़िरकार इस सिस्टम से क्या क्या फायदा होगा और उन्हें किस तरह से इसका लाभ मिलेगा।
सेटेलाइट बेस्ड टोल से क्या होगा लाभ ??
टोल सिस्टम खत्म होने के बाद सबसे बड़ी सुविधा ये होगी की आपको किसी भी हाल में कार को रोकना नहीं होगा,यानि टोल आने पर भी आप रफ्तार कम नहीं करेंगे और आगे बढ़ जाएगे।इससे आपका टाइम बचेगा।इसका दूसरा सबसे बड़ा लाभ समय के साथ पेट्रोल डीजल के खर्च में बचत है।
जितनी दुरी उतना टोल
फास्टैग आधारित मौजूदा टोल सिस्टम में हाइवे का प्रयोग करने पर आपको कम दुरी के लिए भी पुरे टोल का भुगतान करना पड़ता है। सेटेलाइट टोल सिस्टम में आप जितनी दुरी तय करेंगे आपसे उतनी ही दुरी के लिए टोल जाएगा।यानि आप अतिरिक्त टोल टेक्स के भगतन से बच सकेंगे। सरकार कितनी दुरी के लिए कितना टोल टेक्स लगाएगी इसका खुलासा सेटेलाइट टोल सिस्टम के लागु होने के बाद होगा।
कैसे काम करेगा सेटेलाइट बेस्ड टोल ??
सेटेलाइट बेस्ड टोल मूल रूप से जीपीएस आधारित सिस्टम है।यह ठीक वैसे ही काम करेगा जैसे आपके मोबाईल का जीपीएस काम करता है।हाइवे पर जीपीएस आपकी गाड़ी की पोजीशन को ट्रेक करेगा,वही हाइवे पर लगे कैमरे नबर प्लेट को सकें कर आपकी पहचान करेंगे। इसके बाद तय की गयी दुरी के अनुसार से आपने आप टोल टेक्स बैंक अकाउंट से काट लिया जाएगा।