गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है।इस मौसम में पशुपालको के समाने एक बड़ी परेशानी पशु चारे ककी रहती है।खेती किसानी हमारे देश की अर्ध्यव्यवस्था का मुख्य स्तम्भ है।भारत में खेती के साथ पशुपालन भी बड़े स्तर पर किया जाता है।ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के बाद पशपालन दूसरा सबसे बड़ा व्यवसाय है।किसान गाय भेस से लेकर अलग अलग तरह पशु पलटा है।ऐसे में पशुओ का चारा जुटाना ,महगाई के साथ पशुओ को चारे की समस्या आती है।वही पशुओ के लिए हरी घास में हठी घास खिला सकते है।यह सबसे बेहतर होती है।इसे नेपियर घास भी कहते है।
नेपियर घास को तेजी से अपना रहे लोग
भारत में यह घस 1912 के आसपास पहुंची थी ,जब तमिलनाडु के कोयम्टूबर में नेपियर हाइब्रिड घास उतपन्न हुई।दिल्ली में इसे 1962 में पहली बाद तैयार किया गया।इसकी पहली हाइब्रिड कसम को पूसा जियंट नेपियर नाम दिया है।इस घस को साल भर में 6 से 8 बार काटा जा सकता है और हरे चारे को पर्याप्त किया जा सकता है।
गर्म मौसम में पशुओ के लिए सबसे बेहतर घास
हाइब्रिड नेपियर घास को गर्म मौसम की फसल कहते है। यह तेजी से बढ़ती है। तापमान 31 डिग्री के नजदीक होता है।इस फसल के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 31 डिग्री है।लेकिन 15 डिग्री से कम तापमान पर इस घास उत्पादन कम हो सकता है।इस फसल के लिए गर्मियों में घुप और थोड़ी बारिश अच्छी मानी जाती है।
ऐसे करे नेपियर घास की खेती
नेपियर घास की उपज सभी तरह की मिट्टियो में हो सकती है।दोमट मिटटी घास के लिए उपयुक्त मानी जाती है।खेत की तैयारी के लिए एक क्रॉस जुताई होर से और फिर एक क्रॉस जुताई कल्टिवेयर से करना सही रहता है।इससे खरपतवार पूरी तरह से खत्म हो जाते है।इसे अच्छे से लगाने के लिए सही दुरी पर मेड बनाना चाहिए।इसे तने की कटिंग और जड़ो द्वारा भी लगाया जा सकता है।