Finance Bill 2025: 1 अप्रैल 2025 से कर्मचारियों के इनकम टैक्स से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव होने वाला है। नए वित्त विधेयक में किन कर्मचारियों पर असर पड़ेगा और कौन से नियम बदलने जा रहे हैं? जानिए सरकार के नए फैसले और इसका सैलरी पर असर। नीचे जानें पूरी डिटेल।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 25 मार्च को लोकसभा में नया फाइनेंस बिल 2025 पेश किया, जिसे लोकसभा में मंजूरी भी मिल गई। इस फाइनेंस बिल में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनका सीधा असर कर्मचारियों और टैक्सपेयर्स पर पड़ेगा। ये बदलाव खासतौर पर वेतनभोगी कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं और नए वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू होंगे।
टैक्स रिबेट में बड़ा बदलाव
इस फाइनेंस बिल में टैक्स रिबेट (Tax Rebate) के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। इनकम टैक्स की सेक्शन 87A के तहत अब तक 25,000 रुपये तक की टैक्स रिबेट मिलती थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया गया है।
- यह रिबेट 12 लाख रुपये तक की टैक्स योग्य आय पर लागू होगी।
- सैलरीड कर्मचारियों के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये तक बढ़ जाएगी क्योंकि न्यू टैक्स रीजिम में 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।
- हालांकि, यह रिबेट कैपिटल गेन इनकम पर लागू नहीं होगी।
परिसंपत्ति के नियमों में बदलाव
अब कर्मचारियों को उनके नियोक्ता से मिलने वाली सुविधाओं को परिसंपत्ति नहीं माना जाएगा। अभी तक नियोक्ता द्वारा दिए गए कुछ विशेष लाभ जैसे गाड़ी, फ्री आवास या मेडिकल खर्च को परिसंपत्ति माना जाता था।
- 1 अप्रैल 2025 से यदि कोई कर्मचारी या उसका परिवार मेडिकल इलाज के लिए विदेश यात्रा करता है, तो इस खर्च को परिसंपत्ति की श्रेणी में नहीं गिना जाएगा।
- इस बदलाव से कर्मचारियों को कर भुगतान में राहत मिलेगी।
नए टैक्स स्लैब और दरों में बदलाव
फाइनेंस बिल के अनुसार 1 अप्रैल 2025 से न्यू टैक्स रीजिम में टैक्स स्लैब और दरों में संशोधन किया जाएगा।
- 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगेगा।
- बेसिक छूट सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी जाएगी।
- पुरानी टैक्स रीजिम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
टीडीएस (TDS) लिमिट में वृद्धि
फाइनेंस बिल में टीडीएस और टीसीएस (TDS & TCS) नियमों में भी बदलाव किया गया है।
- बैंक डिपॉजिट पर टीडीएस की अधिकतम सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है।
- इससे कर्मचारियों और छोटे निवेशकों को सीधा फायदा होगा।
ULIPs के नियमों में संशोधन
ULIPs (Unit Linked Insurance Plans) में निवेश करने वालों के लिए भी अहम बदलाव किए गए हैं।
- अगर किसी निवेशक को ULIPs से 2.5 लाख रुपये से अधिक का रिटर्न मिलता है, तो इसे कैपिटल गेन माना जाएगा।
- इस पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 112A के तहत टैक्स लगाया जाएगा।
दो संपत्तियों पर नहीं लगेगा टैक्स
फाइनेंस बिल 2025 के तहत सेल्फ-ऑक्यूपाइड प्रॉपर्टी के नियमों को भी सरल बनाया गया है।
- अब कोई भी व्यक्ति अपनी दो संपत्तियों पर टैक्स से छूट प्राप्त कर सकता है।
- पहले नियम यह था कि सिर्फ एक ही संपत्ति पर यह छूट मिलती थी।
- इससे सैलरीड कर्मचारियों और अन्य टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलेगी।
नया फाइनेंस बिल 2025 वेतनभोगी कर्मचारियों और टैक्सपेयर्स के लिए कई राहत भरे प्रावधान लेकर आया है। टैक्स रिबेट, नई टैक्स स्लैब, टीडीएस लिमिट बढ़ोतरी और दो संपत्तियों पर टैक्स छूट जैसी घोषणाओं से मध्यम वर्ग को सबसे अधिक फायदा होगा। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे, जिससे देश के टैक्स सिस्टम को सरल और अधिक लाभकारी बनाया जा सकेगा।