भारत और मालदीव के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही है।लेकिन पेश की कई पेश अंतरिम बजट के अनुसार 2023 -24 में मालदीव का संशोधित बजट में 770.90 करोड़ रूपये है।भारत ने मालदीव के लिए शुरुआत में 400 करोड़ रूपये आवंटित किए गए थे। लेकिन संशोधित बजट में यह रकम लाफभफ दोगुनी कर दी है।मलबीव अर्ब सागर में एक दिप देश है।जहा भारत कई इंफ़्रा प्रोजेक्ट बना रहा है।भारत और मालदीव के बीच तनाव की शुरुआत तब हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षदीप दौरे पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की।भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद इन तीनो मंत्रियों को हटा दिया गया था।लेकिन इसके साथ ही भारत में मालदीव के बहिष्कार की मुहीम भी शुरू हो गयी थी।
बजट डॉक्युमेंट के अनुसार फाइनेंशियल ईयर 2024 में मालदीव को ४०० करोड़ रूपये का आवटन किया गया था जो मालदीव के बजट का 1.5 परसेंट है।पिछले वित् वर्ष में भारत ने विदेशो को जितना आवटन किया उसका 6.84 फीसदी मालदीव को गया था।लेकिन अब मालदीव का संशोधित बजट 77-.90 करोड़ रूपये कर दिया गया है।भारत और मालदीव के संबंधो में हाल मेकद्वाहत आई है।मोदी के लक्षदीप दौरे पर मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी भारत को नागवार गुजरी।भारत की नरागजी जताने के बाद इन मंत्रियों की छुट्टी कर दी गयी।
पर्यटकों ने मोड़ा मुँह
इस बीच मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में काफी गिरावट आयी है।मालदीव सरकार के आधिकारिक आकड़ो में अनुसार पिछले कुछ हफ्ते में देश की टूरिज्म रैंकिंग में भारत पांचवे नबर पर चला गया है।पिछले लगातार तीन साल मालदीव जाने वाले पर्यटकों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है।2023 में मालदीव के टूरिज्म मार्केट में भारत की हिस्सेदारी 11 % थी। लेकिन 28 जनवरी के आकड़ो के अनुसार भारत की हिस्सेदारी आठ फीसदी रह गयी है।इस रैंकिंग के रूस पहले ,इटली दूसरे और चीन तीसरे ,यूके चौथे और भारत पांचवे नबर पर है।